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रायगढ़

जिले के 45 स्कूलों का परिणाम रहा इतना निराशजनक कि अफसरों के माथे पर आया पसीना

9 वीं और 11 वीं कक्षा में 45 प्रतिशत बच्चे ही पास

रायगढ़May 23, 2018 / 04:36 pm

Shiv Singh

9 वीं और 11 वीं कक्षा में 45 प्रतिशत बच्चे ही पास

9 वीं और 11 वीं कक्षा में 45 प्रतिशत बच्चे ही पास

रायगढ़. जिले के 260 हाई और हायर सेकण्डरी स्कूलों में से 45 स्कूलों का परिणाम 65 प्रतिशत से कम आया। इन स्कूलों में 9 वीं और 11 वीं कक्षा में 45 प्रतिशत बच्चे ही पास हो पाए। जिसको लेकर जिला प्रशासन के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने अतिरिक्त कक्षा लगाकर फेल और पूरक आए छात्रों को फिर से परीक्षा लेने की लिए तैयार कर रहे हैं।

यह तैयारी अंतिम चरणों में है बताया जाता है कि मई के अंत में उक्त छात्रों का फिर से परीक्षा लेने की तैयारी की जा रही है। पिछले वर्षों की स्थित पर गौर किया जाए तो 9 वीं और 11 वीं का परिणााम जारी होने के बाद फेल होने व पूरक आने वाले छात्रों को घर में ही बैठकर फिर से तैयारी करना पड़ता था और परीक्षा में बेहतर परिणाम नहीं आता था जिसका असर बोर्ड के परिणाम में भी पड़ता था। इसको देखते हुए इस बार 9 वीं और 11 वीं के परिणाम में सुधार करने की कवायद शुरू हो गई है।

बीते अप्रैल के अंत में परिणाम जारी होने के बाद स्कूलवार परिणाम की समीक्षा की गई और जिन स्कूलों का 65 प्रतिशत से कम परिणाम आया ऐसे स्कूलों में कलक्टर शम्मी आबिदी के निर्देश पर अतिरिक्त कक्षा लगाकर फिर से तैयारी कराया गया है। बताया जाता है कि 45 स्कूलों में 65 प्रतिशत से कम परिणाम आया है। जहां अतिरिक्त कक्षाएं लगाई गई है।

वहीं अन्य स्कूलों में जो बच्चे फेल हुए हैं या फिर पूरक आए हैं इन बच्चों को भी तैयारी कराने के लिए संबंधित विषय के शिक्षकों को अतिरिक्त कक्षा लगाने का निर्देश दिया गया था जिसके तहत ऐसे बच्चों को बुलाकर तैयारी कराया गया है।


अवकाश पर लगा दिया गया है प्रतिबंध
जिले के 45 सरकारी स्कूल जहां 9 वीं व 11 वीं का परीक्षाफल 65 प्रतिशत से कम आया उन स्कूलों के शिक्षकों को ग्राीष्मकालीन अवकाश पर प्रतिबंध लग गया। इन स्कूलों के शिक्षकों ने पूरे मई माह में सुबह 7-10 बजे तक अतिरिक्त कक्षा लगाए। इसके पीछे कारण यह है कि कम अंक लाने वाले बच्चे को फिर से तैयारी कराया जाए, ताकि उनके स्तर में भी सुधार आ सके।


मोबाईल से मॉनिटरिंग
अतिरिक्त कक्षा शुरू हो चुकी है। वहीं इसकी मॉनिटरिंग मोबाईल से किया जा रहा है। हर रोज सुबह क्लास शुरू होने के समय व अवकाश के समय फोटो खींचकर वाट्सएप करने का निर्देश दिया गया और वाट्सएप के जरिए मॉनिटरिंग किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि अतिरिक्त कक्षा में इसका पालन भी किया जा रहा है। संबंधित शिक्षक प्रतिदिन इस बात की रिपोर्टिंग भी संबंधित अधिकारी को वाट्सअप के जरिए कर रहे हैं।


इसकी नहीं हो पाई है समीक्षा
बोर्ड के परिणाम घोषित हुए पखवाड़े भर बीतने जा रहा है, लेकिन अभी तक स्कूलवार परिणाम की जानकारी डीईओ कार्यालय तक नहीं पहुंच पाई है।

जिसके कारण बोर्ड के परिणाम की समीक्षा नहीं हो पा रही है। खास बात यह है कि बोर्ड परीक्षा के परिणाम आने के बाद स्कूलवार परिणाम की समीक्षा होती है। इससे यह जानकारी मिलती है कि किस स्कूल का स्तर पढ़ाई में कमजोर है। वहीं उसके बाद संबंधित स्कूल में सुधार के लिए नई नीति तैयार की जाती है।

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