दोनों ही परिवार के नव दंपत्ति अपना दांपत्य जीवन खुशी-खुशी बिता रहे थे। इसी बीच शादी के कुछ माह बाद ग्राम कपिस्दा के पनतराम ने अपने पुत्री हेमलता जाटवर का संजय लहरे से प्रेम विवाह का विरोध कर गांव में सामाजिक बैठक बुलाया था। जहां लहरे परिवार को समाज में दो-दो लाख रुपए देने पर समाज में मिलाने का शर्त रखा गया था। चूंकि पीडि़त परिवार की रुपए चुकाने की हैसियत नहीं थी। ऐसे में उन्होंने समाज के शर्त को मानने से इंकार कर दिया। ऐसे में समाज के लोगो ने मामले को पंचायत एवं पूरे ग्राम में दायर कर दिया। जहां पूरे गांव के लोग सामूहिक रूप से बैठक लेकर लहरे परिवार के अलावा प्रेम विवाह करने वाले गौतम जाटवर परिवार को तीन-तीन लाख रुपए के जुर्माना से दंडित किया। रुपए नहीं चुका पाने की स्थिति में जुर्माना लगाया। वहीं रुपए नहीं चुका पाने की स्थिति में दोनों परिवारों को गांव एवं
समाज से बहिष्कृत कर दिया गया। इस संबंध में पीडि़त परिवार ने कोसीर पुलिस के अलावा मामले की शिकायत कलेक्टर, एसपी व सारंगढ़ एसडीओपी से की। इसके बाद एसडीओपी सारंगढ़ एवं कोसीर टीआई ने पीडि़त परिवार व गांव वालों को थाने बुलाकर उन्हें समझाइश दी और मिलजुलकर रहने की बात कही। इसके बाद गांव वाले मान गए थे, लेकिन कुछ दिनों बाद गांव के सरपंच पति श्यामलाल साहू, दाउलाल साहू, महादेवा जाटवर, रघुवर साहू, कौशल साहू, मथुरा लहरे, रामकृष्णो जाटवर व अन्य ग्रामवासियों ने नया फरमान जारी कर दिया।
उन्होंने बैठक बुलाकर गांववासियों से कहा कि जो कोई प्रेम विवाह करने वाले परिवार से बात करेगा उसे 10 हजार रुपए के जुर्माना से दंडित किया जाएगा। इसके बाद
पीडि़त परिजनों ने फिर से कोसीर पुलिस से शिकायत की, जहां जांच के बाद 2 अक्टूबर को सात नामजद आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। इस संबंध में पुलिस का कहना है कि पूरे गांव वालों को तो आरोपी नहीं बना सकते, जो मुख्य आरोपी हैं उनके खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है।
बात करने पर लगा दिया जुर्माना
पुलिस के अनुसार पीडि़त परिवारों की मानें तो वर्तमान में उन्हें गांव के शासकीय उचित मूल्य की दुकान से ही सिर्फ राशन मिलता है। इसके अलावा कोई दुकान से उन्हें कुछ सामान नहीं मिलता। यहां तक गांव के कोई भी व्यक्ति जुर्माना के डर से उनसे बात तक नहीं करते। पुलिस ने बताया कि सितंबर माह में गांव का शत्रुघन साहू लहरे परिवार के एक व्यक्ति के साथ बाइक पर बैठकर कोसीर तरफ गया था। इस दौरान किसी ने इसकी सूचना गांव वालों को दी। फिर उसी रात बैठक बुलाकर शत्रुघन के ऊपर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया गया।
प्रेम विवाह करने वाले दो परिवारों को बहिष्कृत कर दिया गया है। इस मामले में पीडि़त परिवारों की शिकायत पर जांच के बाद सात नामजद आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है। मामले की विवेचना की जा रही है। जगतराम चौहान, टीआई कोसीर