शासन के रोका-छेका योजना की निकली हवा
गौठानों की जगह सडक़ बना गौशाला
0 वाहनों की चपेट में आने से मवेशी हो रहे घायल
रायगढ़
Published: July 23, 2022 08:36:59 pm
रायगढ़. सडक़ हादसों से मवेशियों को बचाने के लिए शासन द्वारा गौठान से लेकर रोका-छेका अभियान तक चलाया गया, लेकिन इसके बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। वहीं इन दिनों गौठान से अधिक मवेशी सडक़ों पर नजर आ रहे हैं, जिससे रात के अंधरे में वाहनों के चपेट में आने से लगातार घायल हो रहे हैं, वहीं कई बार छोटे वाहन चालक इन मवेशियों से टकराकर घायल हो रहे हैं। इसके बाद भी नगर निगम द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की जा रही है।
गौरतलब हो कि शहर की सडक़ें हो या एनएच आवारा मवेशियों के लिए गौठान साबित हो रहा है। हालांकि इन मवेशियों को रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर जिले में कई गौठान बनाया गया है, लेकिन अब यह गौठान भी इनके काम नहीं आ रहा है। साथ ही शहरी क्षेत्र के मवेशियों के लिए शासन द्वारा करीब ८ किमी दूर संबलपुरी में आदर्श गौठान बनाया गया है, उस समय प्रशासन द्वारा बड़े-बड़े दावा किया जा रहा था कि इसके बन जाने से शहर में घूमने वाले आवारा मवेशियों को आदर्श गौठान में शिफ्ट किया जाएगा, लेकिन अब यह भी कोरा कागज साबित हो रहा है। जिसका खामियाजा राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। वहीं शाम होते ही मवेशी शहर की सडक़ें हो या एनएच सभी जगह इनका जमावड़ा हो रहा है, जिससे कई बार रात के अंधेरे में भारी वाहनों के चपेट में आने से इनकी मौत भी हो रही है तो कई बार मवेशी लहूलुहान हालत में छटपटाते नजर आते हैं, जिसकी जानकारी होते ही गौ-सेवक संघ द्वारा इनका उपचार भी कराया जाता है, वही कई बार उपचार के अभाव में मौत भी हो जा रही है। साथ ही नगर निगम भी आवारा मवेशियों को पकडऩे में भी दिलचस्पी नहीं ले रही है। जिसके कारण इस तरह की दिक्कतं आ रही हैं। मवेशियों के सडक़ों पर स्वच्छंद विचरण से आवागमन भी बाधित होते रहता है। सुबह से लेकर रात तक आवारा पशु सडक़ों पर डटे रहते हैं। इन्हें सडक़ से भगाने की कोशिश में कई बार दुर्घटनाएं हो जाती है।
निगम की लापरवाही से बढ़ी दिक्कत
नगर निगम द्वारा शहर की सडक़ों पर घूमते आवारा मवेशियों को पकडऩे में दिलचस्पी नहीं दिखा रही है। जिसके कारण पशु मालिक इन्हें खुला छोड़ दे रहे हैं। वहीं राहगीरों का कहना है कि बारिश थमते ही मवेशी बीच सडक़ पर ही अपना आशियाना बना ले रहे हैं। मवेशियों से बचने के चक्कर में गिर कर घायल भी हो रहे हैं। साथ ही कई माह से शहर में काऊ कैचर टीम भी नहीं निकल रही है। ताकि इनको पकडक़र गौठान तक पहुंचा सके।
गौठान भी नहीं आ रहा काम
गौरतलब हो कि नरवा गरवा घुरवा बाड़ी प्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत संबलपुरी में शहरी गौठान का निर्माण किया गया है। इस गौठान का उदेश्य था कि शहर में घुमने वाले आवारा मवेशियों को यहां रखा जाएगा, ताकि सडक़ हादसे से मवेशी भी बच सकेंगे और वाहन चालक भी बचेंगे, साथ ही कई बार रोका-छेका अभियान
भी चलाया जाता है लेकिन वह भी सिर्फ कागजों में ही चलता है। ऐसे में शासन की योजना अब सिर्फ नाम का ही रह गया है। ऐसे में लाखों रुपए खर्च कर संबलपुरी में आदर्श गौठान करीब 19 एकड़ क्षेत्र में बनाया गया है, लेकिन इसके बाद भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते हर दिन मवेशी तो घायल हो रहे हैं साथ ही आमजन भी इनके चपेट में आकर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं।
एनएच में मवेशी ज्यादा हो रहे घायल
बरसात के दिनों में दिन हो या रात मवेशी ज्यादातर एनएच पर नजर आते हैं, जिससे तेज गति से दौड़ रहे भारी वाहन के चपेट में आकर घायल हो रहे हैं। साथ ही रात के अंधेरे में वाहन चालकों को नहीं दिख पाने के कारण कई बार ऐसा होता है कि एक साथ चार-पांच गायों की मौत हो जाती है। जिससे बरसात के दिनों में इन मवेशियों को गौठान में शिफ्ट किया जाता तो इस तरह बेजुबानों की मौत नहीं होती।

शासन के रोका-छेका योजना की निकली हवा
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