मिली जानकारी के अनुसार जबलपुर-संतरागाछी एक्सप्रेस के एसी कोच एबी-1 मेंं एक दंपत्ति, जबलपुर से संतरागाछी का सफर कर रहे थे। उनका बर्थ कोच के 9-12 नंबर सीट पर था। उनके बर्थ के सामने वाले सीट पर हरियाणा क्षेत्र के दो युवक भी सफर कर रहे थे। जिनका विवाद, उक्त दंपत्ति के पति के साथ ट्रेन के जबलपुर रेलवे स्टेशन से ही शुरु हो गया। बात उस समय ज्यादा बढ़ गई कि जब पति के सामने पत्नी को सामने की सीट पर बैठे युवकों ने गूड मॉर्निंग बेबी कह दिया।
इसके बाद पति का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ा गया। बढ़ते वाद विवाद के बाद परेशान पति ने मामले की शिकायत आरपीएफ के टोलज फ्री नंबर 182 पर की। ऐसे में, ट्रेन के रायगढ़ पहुंचने से पहले आरपीएफ के अधिकारी सुजीत कुमार, अनिल गिरी अपने सहयोगी जवानों के साथ पहले से मौजूद हो गए।
ट्रेन के रायगढ़ में रुकते ही आरपीएफ की टीम उक्त बर्थ के करीब पहुंची। जहां परेशान पति ने सामने की सीट पर बैठे युवकों की शिकायत करते हुए पूरी बात बताई। आरपीएफ के सामने भी पति व उक्त युवकों में विवाद जारी था। ऐसे में, आरपीएफ के अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझाईश दी। पर बात नहीं बनी। ऐसी स्थिति में कोच के टीटीई से बात कर दंपत्ति के कोच को बदलने की नौबत आन पड़ी। उन्हें एसी कोच एबी-1 से ए-1 में शिफ्ट किया गया। उसके बाद ट्रेन को झारसुगुड़ा की ओर रवाना किया गया।
182 पर 3 बार की शिकायत, रायगढ़ में हुआ निदान
सूत्रों की माने परेशान पति ने सामने की सीट पर बैठे युवकों की हरकतों को देख आरपीएफ के टोल फ्री नंबर 182 पर करीब 3 बार कॉल किया था। उसलापुर रेलवे स्टेशन पर इसकी लिखित शिकायत करने की बात भी सामने आ रही है। पर जबलपुर से जारी विवाद ट्रेन के रायगढ़ पहुंचने व कोच की अदला बदली करने के बाद शांत हुआ। जिसके बाद परेशान पति के साथ आरपीएफ ने भी राहत की सांस ली।