घुमंतु बच्चों के जीवन संवारने जोड़ रहे स्पांसरशीप योजना से
रायगढ़Published: Jan 27, 2023 08:29:27 pm
0 जिले के आठ बच्चों का हुआ चयन, मिल रहा सहायता राशि


घुमंतु बच्चों के जीवन संवारने जोड़ रहे स्पांसरशीप योजना से
रायगढ़. सडक़ों पर रहने वाले बच्चों का जीवन संवारने स्पांसरशीप योजना की शुरूआत की गई है, जिसके तहत विभाग द्वारा बच्चों का रेस्क्यू कर योजना से जोड़ा जा रहा है, ताकि बच्चों का जीवन स्तर सुधर सके, वहीं अभी तक शहर के आठ बच्चों को योजना के तहत प्रतिमाह सहायता राशि दी जा रही है, जिससे आने वाले सत्र में ये बच्चे स्कूलों में नजर आएंगे।
गौरतलब हो कि घुमंतु बच्चों के जीवन संवारने के लिए शासन द्वारा तरह-तरह की योजना चलाई जा रही है, ताकि इनकी भविष्य संवर सके। ऐसे में बाल संरक्षण विभाग द्वारा लगातार सडक़ों में रहने वाले बच्चों का चिन्हांकन कर उनकी परिवार की स्थिति की जायजा ले रही है, ऐसे में अभी तक विभाग द्वारा आठ बच्चों का चयन किया गया है, जिससे इन बच्चों को स्पांसरशीप योजना के तहत प्रतिमाह चार हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जा रही है। वहीं अधिकारियों का कहना है कि सडक़ों में रहने वाले ज्यादातर बच्चे ऐसे हैं जिनकी आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है, जिससे मजबूरीवश वे कचरा चुनने का काम करते हैं। ऐसे में शासन की योजना के तहत इन बच्चों का भविष्य संवारने के लिए पहल की जा रही है, वहीं विभाग द्वारा इनकी निगरानी भी की जा रही है, जिससे अभी तक जितने बच्चों का चयन हुआ है वे अब सडक़ों की जगह अपने घरों पर ही रह रहे हैं।
क्या है स्पांसरशीप योजना
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार कई ऐसे परिवार है जिनका आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के कारण वे बच्चों का पालन नहीं कर पाते हैं, जिससे सडक़ों पर रहकर कचरे चुनकर खुद का और अपने परिवार का खर्च चलाते हैं। ऐसे में बाल संरक्षण विभाग द्वारा इस तरह के बच्चों का चयन कर, इनकी जांच की जा रही है, जिससे वास्तव में अगर गरीब हैं तो उनको स्पांसरशीप योजना का लाभ दिलाया जा रहा है, ताकि बच्चे कचरे न चुनकर स्कूलों में अपने जीवन को संवार सके।
१८ साल तक के बच्चों को मिलेगा लाभ
इस संंबंध में विभागीय अधिकारियों का कहना है कि स्पांसरशीप योजना का लाभ १८ साल तक के बच्चों को हर माह चार हजार रुपए दिया जा रहा है, ताकि बच्चे कचरे न चुनकर पढ़ाई लिखाई कर सके। साथ ही अभी तक आठ बच्चों का चयन हुआ है, जो अब इस कार्य को छोड चुके हैं और अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। हालांकि विभाग द्वारा लगातार इनकी निगरानी भी की जा रही है, ताकि दोबारा इस कार्य में न जुड़ सके।
अगले सत्र में जाएंगे स्कूल
जानकारी के अनुसार अभी तक जो आठ बच्चों का चयन हुआ है, उसमे दो बालिका और ६ बालक शामिल हैं। इन बच्चों को विभाग की तरफ से विगत अक्टूबर माह से योजना का लाभ मिल रहा है। ऐसे में अब आने वाले सत्र में ये बच्चे स्कूलों में दाखिला लेंगे। जिससे पढ़ाई-लिखाई कर अपनी जीवन को संवारेंगे।
वर्जन
आठ बच्चों का चिन्हांकन कर स्पांसरशीप योजना का लाभ दिलाया जा रहा है, जिससे अब काम छोडक़र घरों पर रह रहे हैं। वहीं आने वाले सत्र में ये बच्चे स्कूलों में नजर आएंगे।
दीपक डनसेना, बाल संरक्षण अधिकारी, रायगढ़