जानकारों की माने तो पीडब्ल्यूडी जब भी सड़क में पैच रिपेयरिंग या डामरीकरण का काम करवाता है तो उसे रात में किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि रात में वाहनों का दबाव काफी कम रहता है। इससे न ही सड़क में जाम लगने की समस्या होती है और न किसी प्रकार की दुर्घटना होती है। रात में काम करने के बाद कुछ घंटे सड़क को मजबूत होने का समय भी मिलता है और फिर दिन में उस सड़क को चालू कर दिया जाता है, लेकिन खरसिया रोड में जिंदल के पास ठेकेदार ने भरी दोपहर में पैच रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया, जिससे एक तरफ की रोड पर घंटों लंबा जाम लगा रहा। इतना सब होने के बाद भी वहां न तो कोई पीडब्ल्यूडी का अधिकारी दिखा और न पुलिस कर्मी।
सुरक्षा का नहीं ध्यान
सड़क निर्माण के दौरान ठेकेदार को अपने कुछ कर्मचारी लगाकर ट्रैफिक को डायवर्ट करने का काम कराना चाहिए था, लेकिन वहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। जब वाहन काफी आगे आकर आगे पीचे आ रहे वाहनों से फंस जाता था, तब उसे पता चल रहा था कि आग सड़क बन रही है और रास्ता बंद है, इससे उसे वहीं घंटो वाहन खड़ा करना पड़ रहा था, जबकि दूसरी तरफ की सड़क चालू थी। यदि उसे सड़क से दोनों तरफ के वाहनों को सही तरीके गुजारा जाता तो जाम नहीं लगता।