उसके बाद ट्रैक को दुरुस्त करने की कवायद की गई। करीब 6 घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 5.15 में हावड़ा-मुंबई रेल मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन शुरु हो सका। जिसके बाद रेल अधिकारियों के साथ यात्रियों ने राहत की सांस ली। रेल अधिकारियों की प्रारंभिक जांच में सिग्नलमेन की गलती सामने आने की बात कही जा रही है। जिसने एनआई वर्क के दौरान एक ऑन सिग्नल को ऑफ किए बगैर दूसरे रूट की मालगाड़ी को आने को लेकर सिग्नल को ऑन कर दिया। जिसकी वजह से यह हादसा हुआ है। रेलवे द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
Read more : बसपा नेता के नाबालिग पुत्र ने नाबालिग से किया अनाचार, फिर हुआ फरार रायगढ़-किरोड़ीमल रेल खंड के बीच इंटरलाकिंग के बीच बरती जाने वाली विशेष सावधानी के बावजूद दो मालगाडिय़ों की टक्कर हो गई। मिली जानकारी के अनुसार यह घटना शुक्रवार की देर रात करीब 11.15 बजे की है। जब जिंदल के साइडिंग लाइन से एक मालगाड़ी को गुजरने को लेकर संबंधित कर्मचारी ने पीला सिग्रल दिया।
अभी जिंदल साइडिंग की मालगाड़ी, मुंबई हावड़ा रेल मार्ग के मुख्य लाइन पर पहुंची ही नहीं थी कि मेन लाइन से आ रही एक और मालगाड़ी को सिग्नल दे दिया गया। जिसकी वजह से साइडिंग से मेन लाइन को जोडऩे वाली पटरी के करीब दो गाड़ी आपस में टकरा गई।
हलांकि दोनों मालगाड़ी का एक हिस्सा ही साइड से टकराया है। जिसकी वजह से मालगाड़ी के ऑपरेअ कर रहे लोको पायलट सुरक्षित बताए जा रहे हैं। मालगाड़ी के टकराने की खबर रायगढ़ से लेकर बिलासपुर डिवीजन पहुंचते देर ना लगी। जिसके बाद रेल अधिकारियों की नींद उड़ गई। वहीं घटना स्थ्ज्ञल पर पहुंच बाधिक ट्रैक को ठीक करने में जुट गए।
रात 11.15 की इस घटना को ठीक करने में सुबह 5.15 हो गए। 6 घंटे की मशक्कत के बाद मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग पर ट्रेनों का परिचालन समान्य हो सका है। जिसके बाद रेल अधिकारी ही नहीं उन यात्रियों ने भी राहत की सांस ली। जो आपस में टकरासई मालगाड़ी के पीछे आ रही सवारी ट्रेन मेंं सफर या फिर रायगढ़ रेलवे स्टेशन पर उसके आने का इंतजार कर रहे थे। सुबह 5.15 के बाद सवारी व मालवाहक ट्रेनों का परिचालन समान्य हो सका है।
थम गए ट्रेनों के पहिए
दो मालगाड़ी के आपस में ठकराने की वजह से उसके पीछे आ रही ट्रेनों को जहां-तहां रोकने की नौबत आन पड़ी। जिसमें बिलासपुर-पटना, जनशताब्दी, शालीमार व अन्य ट्रेनें थी। उक्त ट्रेनों को जहां तहां रोक कर ट्रैफिक को समान्य करने की पहल की गई। लाइन क्लीयर होने के बाद ट्रेनों का परिचालन समान्य हुआ।
सड़क मार्ग से रायगढ़ पहुंचे यात्री
एक ही ट्रैक पर दो मालगाड़ी के आने से हुई इस टक्कर के बाद कई ट्रेनों को जहां-तहां रोकना पड़ गया। जब कई घंटे खड़े होने के बावजूद ट्रेनों का परिचालन शुरु नहीं हुआ तो ट्रेन में बैठे यात्रियों ने अपने रायगढ़ स्थित परिजनों को फोन कर बुलाया। उसके बाद सड़क मार्ग से घर पहुंचे। जिससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता।
20 जून से चल रहा है एनआई वर्क
रेलवे ने किरोड़ीमल से रायगढ़ तक बिछाए गए तीसरी रेल लाइन को यार्ड से जोडऩे को लेकर ब्लॉक लिया है। इस बीच एनआई वर्क किएजाए रहे हैं। जिसकी वजह से पैनल का टे्रेनों का परिचालन पूरी तरह से कट जाता है। ऐसे मेंं, मैनुअली तरीके से परिचालन को पूरा किया जाता है। उसके बावजूद यह गलती हुई है। जिसे लेकर रेल अधिकारियों की टीम मामले की जांच में जुट गई है।