अनोखी पहल : मृत हाथी की आत्मा शांति करने ग्रामीणों ने किया दशकर्म
रायगढ़Published: Dec 11, 2022 08:24:16 pm
मृत गजराज को मिले शांति और गांव को भय से मिले मुक्ति था ग्रामीणों का उद्देश्य
पुसल्दा गांव में किया गया कार्यक्रम
न्यौता देकर आसपास चार गांव के ग्रामीण हुए शामिल


अनोखी पहल : मृत हाथी की आत्मा शांति करने ग्रामीणों ने किया दशकर्म
रायगढ़. जिले धरमजयगढ़ वन मंडल हो गया रायगढ़ वन मंडल हाथियों की लगातार मौत होने का मामला सामने आ रहा है। इस बीच हाथी की मौत के बाद पुसल्दा में एक अनोखा मामला सामने आया है। पुसल्दा में दो दिन पहले करंट से एक हाथी की मौत पर यहां के ग्रामीणों ने मृत हाथी का दशकर्म किया। बकायदा इसके लिए आसपास के चार गांव के लोगों को आमंत्रित किया गया था।
उल्लेखनीय है कि घरघोड़ा रेंज के दल से बिछड़ कर एक हाथी पुसल्दा गांव पहुंचा था। वहां वह गन्ने के खेत में पहुंचा और सिंचाई के लिए बोर पंप के बिजली कनेक्शन को काट दिया। इससे करंट की चपेट में आकर हाथी की मौत हो गई। मौजूदा समय में भी गांव के आसपास हाथियों का डेरा बना हुआ है। इससे ग्रामीण भयभीत है। ऐसे में गांव के लोगों ने मृत हाथी के आत्मा की शांति के लिए दशकर्म का आयोजन किया। उनकी मंशा यह है कि मृत हाथी को शांति मिले और हाथियों की मौजुदगी से जो ग्रामीणों में भय बना हुआ है वह भी दूर हो और हाथी गांव से चले गए। इसके लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। दशकर्म आयोजन का आलम यह था कि इसके लिए सरपंच के नेतृत्व में गांव में बकायदा बैठक की गई। बैठक में सभी की सहमति मिलने के बाद रविवार को दशकर्म किए जाने का निर्णय लिया गया। रविवार की सुबह बकायदा निश्चित जगह पर ग्रामीण एकत्रित हुए और एक मिट्टी का हाथी बनाया गया। विधिविधान से पूजा अर्चना करते हुए दशक्रर्म का कार्यक्रम संपन्न किया गया।
आसपास के ग्रामीण हुए थे शामिल
इस आयोजन के लिए पुसल्दा के ग्रामीणों ने बकायदा चार गांव के लोगों को आमंत्रित किया था। इसमें पियाई दरहा, जामपाली, डुमरपाली और नागरदरहा गांव के लोग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे थे। इन गांव से आने वाले लोगों के लिए खाना की व्यवस्था भी पुसल्दा गांव के द्वारा किया गया था। बताया जा रहा है कि करीब दो सौ लोग कार्यक्रम में शामिल थे। इसमें आने वाले खर्च के लिए ग्रामीणों ने चंदा किया था।
वर्सन
गांव में हाथियों को लेकर भय का माहौल है। हमारी मंशा यह है कि यदि हम मृत हाथी के आत्मा की शांति के दशकर्म व पूजा-अर्चना करते हैं तो वह गांव से दूर होंगे। इसके लिए दशकर्म का आयोजन किया गया था।
रूप सिंह राठिया, सरपंच, पुसल्दा
वर्सन
हाथी को लेकर ग्रामीण भयभीत हैं। इसके लिए उनके द्वारा पूजा अर्चना करते हुए दशकर्म किया गया।
योगेंद्र गंडेचा, रेंजर, घरघोड़ा