scriptबसाहट महज दिखावा, बिन बिजली, पानी और सडक़ के जीवन गुजारने मजबूर जामपाली माइंस से प्रभावित ग्रामीण | Villagers can not get the facility | Patrika News
रायगढ़

बसाहट महज दिखावा, बिन बिजली, पानी और सडक़ के जीवन गुजारने मजबूर जामपाली माइंस से प्रभावित ग्रामीण

एसईसीएल ने यहां के ग्रामीणों की जमीन माइंस के लिए अधिग्रहित की और पास ही के गांव कुडुमकेला के पास कुधरी मेंं विस्थापन के तहत प्रभावितों को बसाया

रायगढ़Mar 19, 2019 / 12:29 pm

Vasudev Yadav

बसाहट महज दिखावा, बिन बिजली, पानी और सडक़ के जीवन गुजारने मजबूर जामपाली माइंस से प्रभावित ग्रामीण

बसाहट महज दिखावा, बिन बिजली, पानी और सडक़ के जीवन गुजारने मजबूर जामपाली माइंस से प्रभावित ग्रामीण

रायगढ़. कहने को यह कहा जाता है कि जिस क्षेत्र में माइंस आता है उसे क्षेत्र की किस्मत बदल जाती है, लेकिन यह बात घरघोड़ा क्षेत्र के जामपाली गांव में रहने वाले ग्रामीणों के लिए लागू नहीं होती। एसईसीएल ने यहां के ग्रामीणों की जमीन माइंस के लिए अधिग्रहित की और पास ही के गांव कुडुमकेला के पास कुधरी मेंं विस्थापन के तहत प्रभावितों को बसाया, लेकिन यह बसाहट महज दिखावा ही साबित हो रहा है। यहां प्रभावित ग्रामीणों के आवागमन के लिए न तो व्यस्थित सडक़ बनाई गई है और ना ही बिजली व पानी की व्यवस्था की गई है। इससे ग्रामीण अव्यवस्था के बीच निवास कर रहे हैं।
घरघोड़ा क्षेत्र में नया माइंस शुरू करने के लिए एसईसीएल ने जामपाली गांव की जमीन अधिग्रहित की। जमीन अधिग्रहित होने के बाद वहां प्रभावित होने वाले ग्रामीणों को विस्थापन के तहत कुडुमकेला ग्राम पंचायत से लगी जमीन पर उन्हें विस्थापन के तहत बसाया गया। मौजूदा समय में उस स्थान को कुधरी के नाम से जाना जा रहा है। जामपाली माइंस शुरू हुए दो साल से अधिक समय हो चुका है।
वहीं लाखों टन कोयला भी जामपाली मांइस से निकाला जा चुका है, लेकिन जिस गांव के नाम पर यह माइंस शुरू हुई उस गांव के ग्रामीणों को जहां बसाया गया है। वहां की हालत नहीं सुधर सकी। कुधरी के हालात पर गौर करे तो वहां अब तक बिजली की सुविधा नहीं है। हालांकि बिजली लाइन देने के लिए बिजली खंभे लगाए गए हैं और बिजली तार भी लगाई गई है, लेकिन जिस स्थान से बिजली सप्लाई किया जाना है वहां से कनेक्ट ही नहीं किया गया है और ना ही कुधरी में ट्रांसफार्मर लगाया गया है।
यह भी पढ़ें
होली में डीजे व साउंड पूरी तरह से प्रतिबंधित: पुलिस अधीक्षक

ऐसे में ग्रामीण अंधरे में रहने के लिए मजबूर हैं। इसके अलावा पानी की सुविधा भी नहीं दी गई है। बताया जा रहा है कि कुधरी में ग्राम पंचायत की ओर से कई साल पहले एक हैंडपंप की व्यवस्था की गई थी। यही बोर पंप अभी भी है, जो मौजूदा समय में चल भी नहीं रहा है। कुधरी में रहने वाले ग्रामीणों के लिए आवागमन के लिए सडक़ की व्यवस्था भी नहीं की गई है। वर्षों पहले जिस कच्चे रास्ते पर कुधरी के लोग आगवागमन करते थे, आज भी वहीं कच्चा रास्ता ही है, जहां से आवागमन किया जा रहा है। इससे ग्रामीण काफी परेशान भी हैं।

दिया था आश्वासन
कुधरी में रहने वाले सुकसाय राठिया व देवमति की माने तो शुरुआत में अधिकारी कुधरी पहुंचते थे। वहीं लगातार ग्रामीणों से चर्चा भी करते थे। इस समय ग्रामीणों के द्वारा बुनियादी सुविधा की मांग की गई। जिसे पूरा करने का आश्वासन भी अधिकारियों ने दिया था, लेकिन जब माइंस शुरू हुई तो यहां अधिकारियों का आना पूरी तरह से बंद हो गया और बुनियादी सुविधा का भी विस्तार नहीं हो सका।

पानी की है समस्या
कुधरी में अब तक पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में कुछ लोगों ने स्वयं खर्च करते हुए बोर पंप खनन करवाया है। बिजली की व्यवस्था नहीं होने से यह बोरपंप सौर ऊ र्जा से चलित है। जिससे आसपास के लोग पीने के लिए पानी लेते हैं।

हाट बाजार भी महज दिखावा
बताया जा रहा है कि कुछ साल पहले जब इस गांव को शुरू किया गया था तो एसईसीएल के कई तामझाम किए थे। कुधरी में नया हाट बाजार बनाया गया था। यह हाट बाजार भी दिखावा के लिए था। बताया जा रहा है कि शुरुआत में हाट बाजार के लिए यहां कुछ दुकानें बनाई गई थी। वहीं दुकान संचालन के लिए आसपास के लोगों को प्रेरित किया गया था। इसके बाद हाट बाजार की फोटो खींची गई और अधिकारी रवाना हो गए। तब से लेकर यहां अधिकारी झांकने तक नहीं आए। ऐसे में अब हाट बाजार के नाम पर दो दुकानों की आधा दर्जन बल्लियां ही शेष है।

-कुधरी में विकास के नाम पर कुछ भी नहीं है। सडक़, बिजली और पानी का अभाव बना हुआ है। जहां भी माइंस होता है उसके आसपास क्षेत्र का विकास करवाया जाता है, लेकिन एसईसीएल द्वारा बसाए गए कुधरी का ही विकास नहीं हो सका है। घुराई बाई, सरपंच, कुडुमकेला

Home / Raigarh / बसाहट महज दिखावा, बिन बिजली, पानी और सडक़ के जीवन गुजारने मजबूर जामपाली माइंस से प्रभावित ग्रामीण

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो