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बचपन बचाने जब सत्यार्थी पहुंचे रायगढ़… जानिए क्या है पूरी योजना

locationरायगढ़Published: Sep 30, 2017 02:34:41 pm

Submitted by:

Shiv Singh

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की सुरक्षित बचपन के संदेश के साथ निकली यात्रा शुक्रवार को रायगढ़ पहुंची।

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की सुरक्षित बचपन के संदेश के साथ निकली यात्रा शुक्रवार को रायगढ़ पहुंची।

रायगढ़. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की सुरक्षित बचपन के संदेश के साथ निकली यात्रा शुक्रवार को रायगढ़ पहुंची। हलांकि इसमें कैलाश शामिल नहीं थे पर उनकी टीम मौजूद थी।

यह यात्रा कन्या कुमारी से निकली है जिसका छत्तीसगढ़ में पहला पड़ाव रायगढ़ जिला रहा। यात्रा के रायगढ़ पहुंचने के बाद जोरदार स्वागत किया गया। वहीं यात्रा में शामिल लोगों व स्थानीय लोगों के बीच उक्त विषय पर संगोष्ठी का आयोजन हुआ। लोगों ने इस दौरान बचपन बचाने के बारे में चर्चा हुई।
भारत यात्रा टीम ओडि़शा के भुनेश्वर से 26 सितंबर को रवाना- विदित हो कि शांति नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी भारत यात्रा टीम ओडि़शा के भुनेश्वर से 26 सितंबर को रवाना हुई और विभिन्न शहरों में कार्यक्रम करते हुए शुक्रवार को रायगढ़ पहुंची।
स्टेशन के सामने पंचायती धर्मशाला में उक्त यात्रा को ठहराने के लिए व्यवस्था की गई थी। दोपहर में पहुंची यात्रा की टीम को पंचायती धर्मशाला में ठहराया गया इसके बाद 3.30 बजे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ चौक से रैली निकाली गई, जिसे विधायक रोशन अग्रवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
यह रैली शहर में स्टेशन चौक से निकलकर श्याम टॅाकीज होते हुए, सुभाष चौक, हण्डी चौक, सत्तीगुड़ी चौक होते हुए वापस स्टेशन चौक पहुंची। रैली के बाद पंचायती धर्मशाला में पहुंचे आशा द होप के बच्चों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। वहीं यात्रा में शामिल लोगों बताया कि किस तरह से बाल उत्पीडऩ को बढ़ावा मिलता है और इसे रोकने के लिए क्या करना चाहिए। आशा द होप के बच्चों द्वारा आयोजित कार्यक्रम की टीम ने काफी सराहना की।

दिल्ली में समापन- 17 सितंबर को शुरू हुई उक्त यात्रा 16 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचकर समाप्त होगी। इस यात्रा में शांति नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के अलावा करीब 50-60 लोग शामिल हैं। हांलाकि कैलाश सत्यार्थी रायगढ़ नहीं पहुंचे थे। 35 दिन की इस यात्रा में देश के 22 राज्यों से होते हुए 15 सौ किलोमीटर तय करेगी।
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