सडक़ मार्ग में जांच बढ़ी तो ट्रेन से होनी लगी गांजा की तस्करी
रायगढ़ में जांच नहीं होने से तस्करों की चांदी0 पिछले दिनों बिलासपुर आरपीएफ ने पकड़ी थी ट्रेन में पकड़ी थी गांजा
सडक़ मार्ग में जांच बढ़ी तो ट्रेन से होनी लगी गांजा की तस्करी
रायगढ़. जिला पुलिस की जांच तेज होने के बाद अब तस्कर यात्री ट्रेनों को शराब-गांजा तस्करी के लिए सुरक्षित मान रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी रायगढ़ में सही तरीके से जांच नहीं हो पा रहा है।
गौरतलब हो कि विगत लंबे समय से जिला पुलिस द्वारा हर थाना क्षेत्रों में कड़ाई से जांच कर रही है, जिससे लगातार गांजा की खेप पकड़ा रहा था, जिसको देखते हुए अब तस्करों ने यात्री ट्रेनों के जनरल बोगी में आसानी से तस्करी कर रहे है, क्योंकि अगर जांच भी होती है तो स्लीपर व ऐसी कोच की जांच होती है, लेकिन जनरल बोगी में जांच बहुत कम होता है, जिसका फायदा इन दिनों तस्कर उठा रहे हैं। वहीं अगर देखा जाए तो ज्यादातर गांजा की तस्करी ओडिशा से ही होता है, जिससे कोई बाइक में तो कोई कार से तस्करी कर रहे थे, जिससे बार्डर क्षेत्रों में कड़ाई से जांच होने पर लगातार पकड़ा रहे थे, जिससे अब ट्रेन का सहारा ले रहे हैं। इसके बाद रायगढ़ जीआरपी का सूचना तंत्र कमजोर होने के कारण जानकारी नहीं मिल पाने से तस्कर आसानी से निकल जा रहे हैं। वहीं विगत २५ दिसंबर को पूरी-हरिद्धार उत्कल एक्सप्रेस के जनरल बोगी के सीट नंबर ७ के नीचे दो बैग में सात किलो गांजा रखकर आसानी से लेकर चला गया, इस बीच रायगढ़, खरसिया, जांजगीर-चांपा स्टेशन होने के बाद भी उसका जांच नहीं हो सका। ऐसे में जब इसकी सूचना बिलासपुर आरपीएफ को लगी तो वहां जांच कर आरोपी को गिरफ्तार कर जीआरपी को सौंपा गया, जिससे कार्रवाई हुई।
जीआरपी की सूचना तंत्र कमजोर
इस संबंध में सूत्रों की मानें तो रायगढ़ जीआरपी की सूचना तंत्र काफी कमजोर है, जिसके चलते विगत कई महिनों से यहां कोई बड़ा मामला नहीं पकड़ाया है और आगे जाकर पकड़ा जा रहे हैं। ऐसे में अगर रायगढ़ जीआरपी मुखबीर तंत्र मजबूत करता तो उसे बड़े-बड़े मामले मिल सकते हैं। क्योंकि इन दिनों सडक़ मार्ग से तस्करी बहुत कम हो गया है, जिससे शराब व गांजा की तस्करी ट्रेनों से होने लगी है।
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