बारिश शुरू पर कहीं वाटर हार्वेस्टिंग बना नहीं तो कहीं बने हुए टूट गए
कई जगहों पर स्वीकृति के बाद भी नहीं बन पाया वाटर हार्वेस्टिंग
रायगढ़
Published: June 18, 2022 06:56:57 pm
रायगढ़। भू-जल स्तर को सुधारने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के लिए शासन बार-बार दिशा निर्देश जारी कर रही है लेकिन नीचले स्तर पर इसका क्रियान्वयन सही तरीके से नहीं हो रहा है जिसके कारण आज भी जिले के कई सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बन पाया है। कई भवनों में तो स्वीकृति के बाद भी काम नहीं हो पाया है और कई जगह बने हुए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम टूट-फूटकर बराबर हो चुके हैं।
सभी सरकारी भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण अनिवार्य रूप से बनाया जाना है, इसके लिए पिछले दो से तीन वर्ष पूर्व से लगातार निर्देश शासन से मिल रहा है लेकिन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण सरकारी भवनों में कछूए की चाल से बन रहा है। इस वर्ष मनरेगा के तहत आंगनबाड़ी भवनों व आश्रमों में करीब १५० वाटर हार्वेस्टिंग की स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन बारिश शुरू हो गया और इसमें से ४० प्रतिशत भवनों में ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का काम पूरा हो पाया है। इसी प्रकार शिक्षा विभाग की स्थिति देखा जाए तो जिला मुख्यालय में ही कई स्कूल भवन है जहां पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की दिशा में किसी प्रकार का पहल नहीं किया गया है। तीन साल पूर्व की स्थिति में पीडब्लयूडी ने जिले के दर्जन भर कॉलेज व अन्य बिल्डींग में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाया था, लेकिन इसमें से कई बिल्डींग की वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ही फेल हो गई देख-रेख के अभाव में कई जगह वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम टूट चुके हैं।
जहां से मॉनिटरींग होना है वहीं की ये स्थिति
कलेक्टोरेट बिल्डींग परिसर में तीन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना हुआ है, कई वर्ष पूर्व इसका निर्माण किया गया था, लेकिन चार से पांच वर्ष पूर्व वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की दीवार ढहकर गिर गई और अब उसमें पेड़ उग गए हैं। अधिकारियों ने भी निरीक्षण के दौरान इसे ठीक कराने के निर्देश दिए लेकिन आज तक कलेक्टोरेट परिसर का वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ठीक नहीं हो पाया।
सरकारी में ये हाल तो निजी में ...
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सरकारी व निजी दोनो ही भवनों में अनिवार्य कर दिया गया है। लेकिन गौर करने वाली बात यह है सरकारी भवनों में ही आज पर्यंत पूरी तरह से वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण पूरा नहीं हो पाया तो निजी भवनों में इसका पालन कैसे कराएंगे। निजी भवनों में भी अधिकांश में देखा जाए तो नक्शे में तो वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूर दिखेगा लेकिन मौके पर गायब रहता है।
जल संचय से इसमें होगा सुधार
पिछले माह तक की स्थिति में देखा जाए सारंगढ़ मुख्यालय के नीचले क्षेत्र सहित दर्जन भर गांव से भू-जल स्तर काफी नीचे चले जाने के कारण बोर पंप फेल होने की सूचना मिल रही है। इसके कारण पानी के लिए काफी समस्या हो रही थी। क्षेत्र में अगर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अधिक से अधिक संख्या में बने तो भू-जल स्तर में काफी हद तक सुधार हो सकता है।
वर्सन
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम प्राथमिकता में है, करीब १५० भवनों में स्वीकृत हुआ था जिसमें से ४० प्रतिशत में काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा सोखपीठ का भी निर्माण कराया गया है।
अबिनाश मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत
वर्सन
संबंधित विभाग के जिला कार्यालय से स्वीकृति के बाद काम होता है। पूर्व में कॉलेज व कुछ भवनों में निर्माण किया गया है। अभी डीएमएफ से कुछ और स्वीकृति की जानकारी मिली है।
आरके खांबरा, ईई, पीडब्लयूडी

टूट गए वाटर हार्वेस्टिंग
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