मिली जानकारी के अनुसार रेलवे मंत्रालय के आधा दर्जन अधिकारियों ने वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को इस संबंध में अपनी योजना का खाका दिया है।
रेलवे मंत्रालय के अनुसार भारतीय रेलवे की कायापलट करने के लिए राष्ट्रीय रेल कार्यक्रम तैयार कर वित्त मंत्रालय को सौंपा गया है। इसमें रेलवे का राजस्व बढ़ाने की योजना से लेकर सुरक्षा प्रणाली पर जोर दिया गया है। अब देखना होगा कि केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली इसे स्वीकारते हैं या नहीं। सारा दरोमदार वित्तमंत्री पर होगा।
रेलवे की जमीनों का विकास
राष्ट्रीय रेल कार्यक्रम के तहत रेलवे की जमीनों का अधिक से अधिक दोहन करना। इसके अंतर्गत रेलवे की जमीनों पर व्यापारिक गतिविधियां शुरू की जाएगी। इससे रेलवे का राजस्व भी प्राप्त होगा और उसे अतिक्रमण से भी बचाया जा सकेगा। कारण कि इस समय रेलवे की हजारों एकड़ जमीनों पर अतिक्रमण है।
पहली बार एकीकृत परिवहन प्रणाली
यदि बजट में इस कार्यक्रम को स्वीकृत मिलती है तो भविष्य में भारत में पहली बार एकीकृत परिवहन प्रणाली को शुरू करने की दिशा में यह पहली सीढ़ी साबित होगी। 70 सालों में रेलवे अपने रास्ते और पुलों का निर्माण करता आया है और परिवहन मंत्रालय अपने रास्ते व पुल बनाता आया है। राष्ट्रीय रेल कार्यक्रम का प्रारूप तैयार करने वाले अधिकारी ने बताया कि देखने में यह बात सामने आई है कि एक ही रास्ते पर दो-दो पुल बनते थे और इसकी लागत डबल होती थी। यदि दोनों मंत्रालयों में आपसी समन्वय होता तो एक ही पुल बना कर लागत कम की जा सकती थी।
कंटेनर सिस्टम तैयार करना
राष्ट्रीय रेल कार्यक्रम का दूसरा उद्देश्य है भारतीय रेलवे में माल ढुलाई का राजस्व बढ़ाना। वर्तमान में भारत में कंटेनर सिस्टम नहीं होने के कारण रेलवे को करोड़ों का घाटा होता है। कोई भी व्यापारी इतना माल एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजने की स्थिति में नहीं होता है। उसे दो कंटेनर नहीं मिल पाते। कार्यक्रम में देशभर में कंटेनर सिस्टम का निर्माण करना शामिल है।
सुरक्षा पर ध्यान
कार्यक्रम में रेलवे ने सुरक्षा पर अधिक निवेश करने की बात कही है। रेलवे ने गाडिय़ों के सही समय पर चलाने के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है। इसमें कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
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