script47 हजार पशुपालकों के खाते में होगा 1.65 करोड़ का भुगतान, इन जिलों ने बेचा सबसे ज्यादा गोबर | 1.65 crore will be paid in account of 47 thousand cattlemen | Patrika News

47 हजार पशुपालकों के खाते में होगा 1.65 करोड़ का भुगतान, इन जिलों ने बेचा सबसे ज्यादा गोबर

locationरायपुरPublished: Aug 04, 2020 11:14:15 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

राज्य में कुल 4 हजार 140 गोठानों में पंजीकृत 65 हजार 694 हितग्राहियों में से 46 हजार 964 लोगों ने इन 13 दिनों में 82 हजार 711 क्विंटल गोबर बेचा है। 2 रुपए प्रति किलो की दर से इसका मूल्य 1 करोड़ 65 लाख रुपए हो रहा है। इस योजना के अंतर्गत रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी और बालोद जिलों में सबसे अधिक गोबर बेचा गया है।

47 हजार पशुपालकों के खाते में होगा 1.65 करोड़ का भुगतान, इन जिलों ने बेचा सबसे ज्यादा गोबर

47 हजार पशुपालकों के खाते में होगा 1.65 करोड़ का भुगतान, इन जिलों ने बेचा सबसे ज्यादा गोबर

रायपुर. राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत गोठानों ने शुरुआती 13 दिनों में ही 82 हजार 711 क्विंटल गोबर खरीद लिया है। सरकारी दर से इसकी कीमत एक करोड़ 65 लाख रुपए होती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार को खरीदी का पहला भुगतान जारी करेंगे। मुख्यमंत्री निवास में इसके लिए विशेष आयोजन किया गया है।

तय कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री दोपहर 3 बजे दिवंगत नेता महेन्द्र कर्मा की जयंती पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे और वन मंत्री मोहम्मद अकबर का उद्बोधन होगा। भूपेश बघेल 3.15 बजे गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी की राशि का विक्रेताओं के खाते में अंतरण प्रक्रिया का शुभारंभ करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वे योजना के हितग्राहियों से चर्चा भी करेंगे।

अधिकारियों ने बताया, गोधन न्याय योजना के तहत 20 जुलाई से 1 अगस्त तक गोबर खरीदी की पहली किस्त की राशि बुधवार को अंतरित होनी है। यह सहकारी बैंक के माध्यम से गोबर विक्रेताओं के खाते में भेजा जाएगा। राज्य में कुल 4 हजार 140 गोठानों में पंजीकृत 65 हजार 694 हितग्राहियों में से 46 हजार 964 लोगों ने इन 13 दिनों में 82 हजार 711 क्विंटल गोबर बेचा है। 2 रुपए प्रति किलो की दर से इसका मूल्य 1 करोड़ 65 लाख रुपए हो रहा है। इस योजना के अंतर्गत रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, धमतरी और बालोद जिलों में सबसे अधिक गोबर बेचा गया है। नगरीय क्षेत्रों में रायपुर और दुर्ग के पशुपालकों ने सबसे ज्यादा गोबर का विक्रय किया है।

अगला भुगतान 15 अगस्त को

अधिकारियों ने बताया, गोबर खरीदी का आगामी भुगतान 15 अगस्त को किया जाएगा। योजना के लाभार्थियों में 38 प्रतिशत महिलाएं, 48 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग, 39 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 8 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 5 प्रतिशत सामान्य वर्ग के लोग शामिल हैं।

ऐसी है यह गोधन न्याय योजना

20 जुलाई से शुरू हुई देश में अपने तरह की पहली योजना है, जिसमें पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो (परिवहन व्यय सहित) की दर पर गोबर खरीदा जा रहा है। खरीदे गए गोबर से गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर इसका सहकारी समितियों के माध्यम से विक्रय किया जाएगा। सरकार का कहना है, इसके माध्यम पशुपालकों को आर्थिक लाभ होगा और प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा।

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