कर्मचारियों की कमी से दीवानमुड़ा स्वास्थ्य केंद्र पड़ा ‘बीमार’, महिलाएं प्रसव के लिए ओडिशा जाने मजबूर
रायपुरPublished: Dec 04, 2022 04:11:39 pm
देवभोग ब्लॉक का दीवानमुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों बीमार पड़ गया है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने वाला यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिम्मेदारों के उदासीन रवैये के चलते अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। एक समय अपने कार्यों के चलते दीवानमुड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी। आज कर्मचारियों की कमी के चलते यह नाम भर का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनकर रह गया है।


कर्मचारियों की कमी से दीवानमुड़ा स्वास्थ्य केंद्र पड़ा ‘बीमार’, महिलाएं प्रसव के लिए ओडिशा जाने मजबूर
देवभोग। देवभोग ब्लॉक का दीवानमुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों बीमार पड़ गया है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने वाला यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिम्मेदारों के उदासीन रवैये के चलते अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। एक समय अपने कार्यों के चलते दीवानमुड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाई थी। आज कर्मचारियों की कमी के चलते यह नाम भर का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनकर रह गया है। स्थिति यह हो गई है कि प्रसव के लिए पहुंचने वाली महिलाएं भी अब ओडिशा जाकर प्रसव करवाने को मजबूर हो गई हैं।
तीन महीने से कर्मचारियों की कमी के चलते दीवानमुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो गई है। कई बार जिम्मेदार अधिकारियों के साथ ही जनप्रतिनिधियों को मामले से अवगत करवाने के बाद भी अब तक व्यवस्था दुरुस्त नहीं हुआ है। इससे ग्रामीणों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। ग्रामीणों ने कलेक्टर के नाम आवेदन तैयार कर लिया है। गांव के बाबूलाल बघेल, महेश यादव व ईश्वर पुजारी ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 16 कर्मचारियों का पद स्वीकृत हैं, जिसमें मात्र एक ही कर्मचारी कार्यरत है। बाकी 15 पद रिक्त है। ग्रामीणों ने आवेदन में जिक्र किया है कि महिलाओं को प्रसव और अन्य समस्याओं की जांच के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
देवभोग में अटैच कर ले रहे काम
ग्रामीणों ने बताया कि दीवानमुड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के साथ अधिकारी सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। दीवानमड़ी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के फार्माशिष्ट और एक अन्य कर्मचारी को देवभोग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संलग्न कर उनसे काम लिया जा रहा है।
15 दिन में कर्मचारी नहीं आए तो होगा आंदोलन
ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें वस्तुस्थिति की जानकारी देगा। आसपास के 5 से 6 गांव के लोग इलाज के लिए इसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर निर्भर हैं। लेकिन कर्मचारियों की कमी के चलते ग्रामीणों का इलाज नहीं हो पा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक यदि 15 दिनों के अंदर स्वास्थ्य केंद्र में कर्मचारी नहीं पहुंचे तो 5 से 6 गांव के ग्रामीण तेल नदी के पुल पर बैठकर बड़ा आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंग।