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रायपुर

दो वर्षों का 10 करोड़ बकाया, निजी स्कूल संचालक परेशान

– आरटीई की राशि का इंतजार: छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन ने अधिकारियों से लगाई गुहार .

रायपुरJun 24, 2021 / 05:48 pm

CG Desk

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रायपुर। प्रदेश के निजी स्कूलों का 10 करोड़ रुपए स्कूल शिक्षा विभाग में रुका हुआ है। निजी स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने इस राशि का भुगतान कराने के लिए विभागीय अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन फाइल पिछले कई हफ्तों से अटकी हुई है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है, कि विभाग कोरोना काल में यह बकाया राशि जारी कर देगा, तो स्कूलों को संजीवनी मिल जाएगी। पिछले दो वर्षों से विभाग ने निजी स्कूलों में आरटीई योजना के तहत पढऩे वाले छात्रों का भुगतान नहीं किया है। आरटीई की राशि जारी हो सके, इसलिए स्कूलों के संचालक विभाग के चक्कर लगा रहे है।
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दरअसल, आरटीई योजना का फायदा पहले कक्षा पहली से आठवी तक के छात्रों को मिलता था। छात्र पहली से आठवी तक अच्छी पढ़ाई करते थे और फिर पैसों की कमी के चलते पढ़ाई बीच में छोड़ देते थे। आरटीई योजना का फायदा दसवीं तक के छात्रों को मिले, इसलिए प्रदेश सरकार ने पिछले शिक्षा सत्र में ही इसे लागू किया है। शासन के निर्देश का स्कूलों ने पालन किया, लेकिन कोरोना काल में विभागीय अधिकारी स्कूलों का भुगतान अटकाए हुए है।
सबसे ज्यादा पैसा रायपुर जिले का
कक्षा 9वंी और 10वीं में आरटीई योजना के तहत रायपुर जिले में सबसे ज्यादा हुए है। रायपुर के बाद दूसरे नंबर पर बिलासपुर, तीसरे नंबर पर दुर्ग और चौथे नंबर पर राजनांदगांव है। प्रदेश भर के स्कूलों ने आरटीई राशि का भुगतान कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना शुरू कर दिया है। संचालनालय में फाइल अटकी होने की वजह से स्कूल संचालकों की मांग पूरी नहीं हो रही है।
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आरटीई में 7 हजार छात्र पढ़ रहे प्रदेश में
आरटीई योजना के तहत कक्षा-9वीं और 10वीं में प्रदेश के लगभग 7 हजार छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे है। निजी स्कूल प्रबंधन के अनुसार शासन ने निर्देश दिया, तो बच्चों को उन्होंने प्रवेश दिया था। विभागीय अधिकारी पैसा ना होने की बात कहते हुए बाद में भुगतान करने की बात कह रहे है। वर्तमान स्थिति में स्कूल पहले से तंगहाल हो गए है। विभागीय अधिकारियों का यह निर्देश संचालकों को परेशान कर रहा है।
राशि बन सकती है संजीवनी
छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है कि आरटीई योजना के तहत कक्षा 9वीं और 10वीं में पढऩे वाले छात्रों का भुगतान विभाग में रुका हुआ है। भुगतान के लिए लगातार विभागीय अधिकारियों से संपर्क कर रहे है, तो वो पैसा आने के बाद भुगतान करने की बात कह रहे है। कोरोना काल में छोटे स्कूलों का बुरा हाल है। विभाग फंड जारी कर देगा, तो स्कूलों को थोड़ी राहत होगी।
आरटीई का भुगतान करने के लिए अभी हमे फंड अलॉट नहीं हुआ है। फंड आते ही स्कूलों का भुगतान कर दिया जाएगा।
आलोक शुक्ला, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग

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