कक्षा 9वंी और 10वीं में आरटीई योजना के तहत रायपुर जिले में सबसे ज्यादा हुए है। रायपुर के बाद दूसरे नंबर पर बिलासपुर, तीसरे नंबर पर दुर्ग और चौथे नंबर पर राजनांदगांव है। प्रदेश भर के स्कूलों ने आरटीई राशि का भुगतान कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन करना शुरू कर दिया है। संचालनालय में फाइल अटकी होने की वजह से स्कूल संचालकों की मांग पूरी नहीं हो रही है।
आरटीई योजना के तहत कक्षा-9वीं और 10वीं में प्रदेश के लगभग 7 हजार छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे है। निजी स्कूल प्रबंधन के अनुसार शासन ने निर्देश दिया, तो बच्चों को उन्होंने प्रवेश दिया था। विभागीय अधिकारी पैसा ना होने की बात कहते हुए बाद में भुगतान करने की बात कह रहे है। वर्तमान स्थिति में स्कूल पहले से तंगहाल हो गए है। विभागीय अधिकारियों का यह निर्देश संचालकों को परेशान कर रहा है।
छत्तीसगढ़ प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है कि आरटीई योजना के तहत कक्षा 9वीं और 10वीं में पढऩे वाले छात्रों का भुगतान विभाग में रुका हुआ है। भुगतान के लिए लगातार विभागीय अधिकारियों से संपर्क कर रहे है, तो वो पैसा आने के बाद भुगतान करने की बात कह रहे है। कोरोना काल में छोटे स्कूलों का बुरा हाल है। विभाग फंड जारी कर देगा, तो स्कूलों को थोड़ी राहत होगी।
आलोक शुक्ला, सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग READ MORE : दिल्ली में फर्जी कंसलटेंसी कंपनी बनाकर विदेश में देते थे जॉब का झांसा, पुलिस ने ऐसे किया करोड़ों की ठगी का खुलासा