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छत्तीसगढ़ में इन पांचों कंपनियों के विलय से 10 प्रतिशत सस्ती होगी बिजली

locationरायपुरPublished: Apr 27, 2019 10:14:53 am

Submitted by:

Akanksha Agrawal

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज की पांचों कंपनियों के विलय का सीधा फायदा प्रदेश के 54 लाख उपभोक्ताओं को होगा। विलय से बिजली कंपनी की खर्चे 10 प्रतिशत तक कम हो जाएंगी।

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छत्तीसगढ़ में इन पांचों कंपनियों के विलय से 10 प्रतिशत सस्ती होगी बिजली

रायपुर. छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज की पांचों कंपनियों के विलय का सीधा फायदा प्रदेश के 54 लाख उपभोक्ताओं को होगा। विलय से बिजली कंपनी की खर्चे 10 प्रतिशत तक कम हो जाएंगी। इसका असर बिजली की कीमतों में होगी और 10 फीसदी तक रेट कम होने की संभावना जताई जा रही है। कंपनियों का विलय किस तरह से होगा, आचार संहिता खत्म होने के बाद पूरी तस्वीर साफ होगी। विलय का प्रस्ताव ऊर्जा विभाग के पास पहुंच चुका है। इसमें पांचों कंपनियों की आय-व्यय, विलय की स्थिति में नफा-नुकसान के हर बिंदुओं पर विचार किया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि विलय से खर्च कम होगी और कंपनी की स्थिति सुधरेगी।

घाटे वाली कंपनियों पर फंसा पेंच
अधिकारियों ने बताया कि विलय की प्रक्रिया में पेंच फंसा हुआ है। कहा जा रहा है कि होर्डिंग कंपनी को समाप्त कर दिया जाएगा। वहीं ट्रेडिंग कंपनी को सरकार अपने पास रख सकती है। 2003 एक्ट के अनुसार ट्रांसमिशन कंपनी को अलग ही रखा जाना है। जनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन को मर्ज किया जा सकता है। इसमें डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी घाटे में है। विलय की स्थिति में नुकसान वाली कंपनी की भरपाई फायदे वाले कंपनी से की जाएगी।

सरकार के सामने तीन रास्ते
1 जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ही रखे। ऐसा हुआ तो कोई फायदा नहीं होगा। सरकार के लिए सिर्फ नाक बचाने वाली बात होगी।
2 ट्रांसमिशन को अलग रख जनरेशन और डिस्ट्रीब्यूशन को एक कर सिर्फ दो कंपनियां रखी जाए। पेंच फंस रहा है, डिस्ट्रीब्यूशन का घाटा जनरेशन को वहन करना होगा।
3 सभी का विलय कर सिर्फ एक कंपनी ही रखी जाए। खर्च बचने से कंपनी के साथ ही उपभोक्ताओं को अधिक फायदा मिलेगा।

पॉवर कंपनीज की पांचों कंपनियों के कामकाज
1. जनरेशन – ये कंपनी बिजली उत्पादन का कार्य देखती है।
2. ट्रांसमिशन- इस कंपनी का कार्य उत्पादन केंद्रों से बिजली सब स्टेशनों तक पहुंचाना है।
3. डिस्ट्रीब्यूशन- उपभोक्ताओं को बिजली वितरण का कार्य करती है।
4. टे्रडिंग- प्रदेश और अन्य राज्यों से बिजली खरीदी-बिक्री का काम देखती है।
5. होल्डिंग- चारों कंपनी में समन्वय बनाने के साथ ही कंपनियों और कर्मचारियों के पेंडिंग मामलों को निपटाती है।

कंपनी विलय से होंगे ये फायदे
ट्रांसमिशन और जनरेशन कंपनी फायदे में है, जबकि डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी घाटे में। विलय से डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी का घाटा शून्य हो जाएगा। इससे लगभग 100 करोड़ के आस-पास इनकम टैक्स की बचत होगी।
कंपनी के खर्चे कम होने से बिजली दर में कमी आएगी। सीधा फायदा प्रदेश के 54 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को होगा।
बिजली कंपनी के लिए बैंक ओवरड्राफ्ट क्षमता बढ़ेगी। रोजमर्रा के खर्चे चलाने में आसानी होगी।

जल्द होगा निर्णय
ऊर्जा विभाग के सचिव गौरव द्विवेदी ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज में पांचों कंपनियों के विलय की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। विलय से होने वाले फायदे और नुकसान, आय-व्यय, एक्ट समेत अन्य बिंदुओं पर विचार चल रहा है। आचार संहिता के बाद फैसला लिया जाएगा।

दर में कमी आएगी
छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के चेयरमैन शैलेंद्र शुक्ला ने बताया कि कंपनी के एकीकरण की मांग वर्षों से की जा रही थी। प्रबंधन ने प्रपोजल ऊर्जा विभागा को भेजा है। कंपनी विलय की प्रक्रिया जटिल होती है, चर्चा का दौर चल रहा है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में जल्द ही निर्णय होगा।

54 लाख बिजली उपभोक्ता प्रदेश में
13000 करोड़ बजट
100 से 200 करोड़ तक बचत (संभावित) विलय के बाद

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