पाठ्य पुस्तक निगम की प्रबंध संचालक इफ्फत आरा ने भी एससीईआरटी के अफसरों से बात की, ताकि समय पर उन्हें छपाई के लिए सामग्री मिल जाए और किताबें छापी जा सकें। कहा जा रहा है कि बची हुई 10 प्रतिशत किताबों में हिंदी-संस्कृत सहित बोली-भाषा की आठ किताबों में राज्यगीत को छापा जा सकता है। एससीईआरटी के निदेशक पी. दयानंद ने कहा, छप चुकी किताबों में भी राज्यगीत को कैसे शामिल किया जा सकता है, उस पर सोमवार को मंथन किया जाएगा।
छपाई में यह थी उलझन- संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के निर्देश पर छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग ने पिछले महीने स्कूली किताबों में राज्य गीत, ‘अरपा पैरी के धारÓ को छापने की सिफारिश भेजी थी। स्कूल शिक्षा विभाग और एससीईआरटी को यह पत्र मिला ही नहीं। इस बीच ९० प्रतिशत किताबों की छपाई पूरी हो गई।