2 – ग्रहण के दौरान पहने गए कपड़े को दोबारा नहीं पहनना चाहिए। इसलिए ग्रहण के दिन पहने हुए कपड़ों को दान कर देना चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए।
3 – ग्रहण के बाद बिना स्नान या पूजा किए कुछ भी खाना पीना नहीं चाहिए। इसलिए ग्रहण जैसे ही समाप्त हो स्नान करना चाहिए और उसके बाद भगवान का पूजा करना चाहिए।
4 – स्नान के बाद मंदिर की साफ सफाई करनी चाहिए और देवी देवताओं की प्रतिमा को गंगा जल से स्नान कराकर शुद्ध करना चाहिए।
5 – चंद्रग्रहण के बाद पितरों को याद करना चाहिए और उनके नाम पर दान करना चाहिए, ऐसा करने से ग्रहण का दुष्प्रभाव समाप्त हो जाता है।
6 – माना जाता है कि ग्रहण के बाद भगवान शंकर की पूजा विशेष फलदाई होती है। इसलिए ग्रहण के बाद भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए।
7 – ग्रहण में घर में लगा तुलसी का पौधा भी प्रभावित हो सकता है, इसलिए पूजा करते समय गंगाजल से तुलसी के पौधे के ऊपर भी छिड़कना चाहिए और पौधे में जल समर्पित करना चाहिए।
8 – घर में धूपबत्ती अगरबत्ती या गूगुल जलाएं।
9 – ग्रहण के बाद दान का विशेष महत्व होता है। ग्रहण समाप्त होने के बाद 3 सूखे नारियल का दान करना चाहिए।
10 – ग्रहण के दूसरे दिन अनाज या भोजन का दान करने से भी ग्रहण की निगेटिविटी समाप्त होती है और उत्तम फल की प्राप्ति होती है।