शहर में विराजेंगी 100 बड़ी प्रतिमाएं, 40 हजार ज्योत से जगमगाएंगे मंदिर
रायपुरPublished: Sep 26, 2022 12:54:05 am
नवरात्र: आज से 9 दिन तक शक्ति की भक्ति में वक्त बिताएंगे भक्त


शहर में विराजेंगी 100 बड़ी प्रतिमाएं, 40 हजार ज्योत से जगमगाएंगे मंदिर
रायपुर. नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रही है। इस मौके पर शहर में माता की करीब 100 बड़ी और 500 से अधिक छोटी प्रतिमाओं की स्थापना की जाएगी। इसी के साथ 9 दिनों तक चलने वाला शक्ति की भक्ति का महापर्व भी शुरू हो जाएगा।
नवरात्रि के लिए इस बार शहर में कई आकर्षक थीम पर पंडाल सजाए गए हैं। कहीं अयोध्या समान श्रीराम मंदिर जैसा पंडाल बनाया गया है तो कहीं राजस्थानी थीम पर पंडाल बनाया गया है। कोरोनाकाल के बाद यह पहला मौका है जब शहर में नवरात्रि इतने भव्य तरीके से मनाने की तैयारी है। इधर, देवी मंदिरों में भी साज-सजावट व अन्य तैयारियों को पूरा करने के लिए रविवार की देर रात तक काम चलता रहा। मिली जानकारी के मुताबिक इस बार शहर के 9 प्रमुख देवी मंदिरों में 40 हजार से अधिक भक्तों के मनोकामनाओं की ज्योत जगमगाएगी। बीते 2 साल बहुत से भक्त ज्योत ही नहीं जलवा पाए थे क्योंकि मंदिरों में मनोकामना ज्योत की संख्या घटाकर आधी कर दी थी। जिन भक्तों की ज्योत जली भी वे दर्शन नहीं कर पाए क्योंकि कोरोना के चलते भक्तों के ज्योत कक्ष में जाने की मनाही थी। इस बार हालात सामान्य हैं इसलिए मंदिरों में पूरी क्षमता के साथ ज्योत प्रज्जवलन करने की तैयारी है। खास बात यह है कि भक्त इस बार अपने ज्योत के दर्शन भी कर पाएंगे।
छह राजयोग के दुर्लभ संयोग में माता की स्थापना
ज्योतिषी विनीत शर्मा ने बताया कि सोमवार को 6 राजयोग के संयोग में माता की स्थापना की जाएगी। यह योग दुर्लभ है इसलिए जो भी भक्त सच्चे मन से आराधना करेगा, माता उनकी मनोकामनाएं जरूर पूरी करेंगी। उन्होंने बताया कि सोमवार को केदार, भद्र, हंस, गजकेसरी, शंख और पर्वत जैसे शुभ योग हैं। सूर्य, बुध, गुरु और शनि से बनने वाले इन शुभ योगों में कलश स्थापना होना शुभ संकेत हैं।
घट स्थापना के मुहूर्त
अमृत मुहूर्त- सुबह 6.22 से 7.53 बजे तक।
शुभ मुहूर्त- सुबह 9.23 से 10.53 बजे तक।
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11.59 से 12.47 बजे तक।
शनि और बृहस्पति अपनी राशि में... ऐसा योग भी 30 साल बाद
पंडितों का मत है कि यह नवरात्रि खास है क्योंकि लगभग 30 साल बाद ऐसा योग बन रहा है जब नवरात्रि के दौरान शनिदेव अपनी राशि मकर और देवगुरु बृहस्पति स्वराशि मीन में रहेंगे। शनि के स्वराशि में होने से जहां राजनीतिक व्यक्तियों को फायदा दिलाएगा। वहीं यह संयोग मेष, वृषभ, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर व कुंभ राशि के जातकों के लिए अच्छा साबित होगा। माता का आगमन और गमन इस बार हाथी पर हो रहा है। यह उन्नति और खुशी का प्रतीक है।