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कोरोना से 30 फीसदी राजस्व की कमी
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि- वर्ष 2020-21 कोविड महामारी के दुष्प्रभावों के कारण वित्तीय दृष्टि से अत्यंत कठिन वर्ष रहा है। इस वर्ष राज्य में सभी आर्थिक गतिविधियों पर विपरीत प्रभाव पडऩे के कारण स्वयं के वित्तीय स्रोतों में लगभग 30 प्रतिशत की कमी आना संभावित है।
यह है कृषि सेस
वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में पेट्रोलियम पदार्थों, सोने-चांदी एवं अन्य अनेक वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी में कमी की गई है। इसके स्थान पर कृषि अधोसंरचना विकास सेस लगाया है। एक्साइज ड्यूटी से राज्यों को भी राजस्व की प्राप्ति होती थी, जबकि कृषि सेस से केवल केंद्र सरकार को राजस्व मिलेगा। केंद्र इस राशि का उपयोग कृषि कल्याण के लिए करेगी। जानकारों के मुताबिक 2 से 4 फीसदी तक कृषि सेस लगाने की घोषिणा हुई है।
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जीएसटी और चावल का मुद्दा भी उठाया
मुख्यमंत्री ने पत्र में यह भी लिखा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य की जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में केन्द्र सरकार से अभी भी 3700 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होना शेष है। केन्द्र सरकार द्वारा पूर्व में राज्य से 60 लाख टन चावल लेने की घोषणा के बाद राज्य के चावल के कोटे में 16 लाख टन की कटौती कर दी गई है, जिसके कारण भी राज्य द्वारा संग्रहित अतिरिक्त धान के निराकरण में बड़ी हानि होना संभावित है।