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बढ़ी परेशानी: पोर्टल में हुई गड़बड़ी के कारण रद्द हो गए 10 हजार से ज्यादा जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र, अब करना होगा ये

locationरायपुरPublished: Feb 14, 2020 09:56:18 pm

Submitted by:

CG Desk

जिनके प्रमाण रद्द हुए उन्हें नहीं है खबर, 4 फरवरी से 8 फरवरी के बीच बने सभी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र तकनीकी गड़बड़ी से हुए बेकार .

पोर्टल में गड़बड़ी से रद्द हो गए 10 हजार से ज्यादा जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र

पोर्टल में गड़बड़ी से रद्द हो गए 10 हजार से ज्यादा जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र

रायपुर। नगर निगम से अब जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र ऑनलाइन ही जारी किए जा रहे है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से पत्र आने के बाद एक जनवरी 2020 से ऑनलाइन प्रमाणपत्र ही जारी करने हो रहा है। जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए ऑफिस ऑफ द रजिस्ट्रार जनरल एंड सेंसस कमिश्नर ऑफ इंडिया (सीआरएसओआरजीआइ) की वेबसाइट पर आवेदन किया जा रहा है। इससे पहले ई-डिस्ट्रिक सीजी स्टेट गर्वमेंट के पोर्टल से जन्म व मत्यु प्रमाणपत्र जारी किया जाता था।
पत्रिका को मिली अहम जानकारी के मुताबिक 4 फरवरी से 8 फरवरी के बीचे प्रदेश भर में इसी पोर्टल से 10000 से ज्यादा जन्म व मृत्यु के पंजियन किए गए थे। रायपुर में भी इसके लिए 25 सौ आवेदन किए गए थे। अहम बात यह है कि इन में 80 फीसदी लोगों को प्रमाण पत्र जारी किया जा चुका था। इसकी प्रिटिंग करके हितग्राही को मिल गई थी। अचानक 9 फरवरी को वेबसाइट और हितग्राहियों के मोबाइल पर मैसेज आता है कि 4 से 8 फरवरी के बीच जितने भी जन्म व मृत्यु के प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं वह सभी रद्द माने जाएंगे। अहम बात तो यह है कि जिन लोगों ने प्रमाण पत्र प्राप्त किया है उनमें से अधिकांश लोगों को यह जानकारी ही नहीं है कि उनको दिया गया व जारी किया गया प्रमाण पत्र वैलेड नहीं है।

नए सिरे से करना होगा आवेदन
शहर में बने हुए किसी भी लोकसेवा केंद्र के माध्यम से भी जन्म या मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए फिर आवेदन किया जा सकता है। इन केंद्रों पर सारे दस्तावेज स्कैन करके अटैच किए जा सकते हैं। इसके अलावा सीआरएसओआरजीआइ की वेबसाइट पर खुद भी आवेदन कर सकते हैं। प्रमाण पत्र बनवाने के इच्‍छुक नगर निगम के साथ ही लोनसेवा केंद्रों में भी आवेदन कर सकते हैं। अब प्रमाणपत्र अंग्रेजी में जारी होंगे। पहले के प्रमाण पत्र हिंदी में जारी होते थे।

एनआरसी या एनपीआर से कोई लेना-देना नहीं
केंद्र सरकार देश भर में पैदा होने व मृत होने वालों का सीधा डाटा रखना चाहती है। इसलिए यह केंद्र के पोर्टल से नई व्यवस्था चालू की गई है। अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनने का नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप (एनआरसी) या नेशनल पापुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) से कोई लेना-देना नहीं है।

यह है शुल्क
जन्म प्रमाणपत्र के लिए 20 रुपये और मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए 10 रुपये जमा कर प्रोफार्मा दिया जाता है।

जनवरी से शुरू हुई नई व्यवस्था
एक जनवरी 2020 से जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र नए तरीके से ऑनलाइन व्यवस्था लागू की है, अब इसका कड़ाई से अनुपालन कराया जा रहा। सेल्फ लागिन ऑनलाइन व्यवस्था से लोगों को सहूलियत मिलेगी। आवेदन के बाद अधिकारी निरीक्षण कर रिपोर्ट देंगे और प्रमाणपत्र जारी कर दिया जाएगा।

यह है व्‍यवस्‍था
जन्म पंजीयन आवेदन फार्म के साथ माता/पिता/अभिभावक का आधार कार्ड अनिवार्य रूप से देना होगा। हॉस्पिटल में जन्म होने की स्थिति में हॉस्पिटल की ओर से जारी जन्म प्रमाणपत्र एवं घर पर होने की स्थिति में पांच वर्ष तक शपथ पत्र, पांच वर्ष के बाद विद्यालय का प्रमाणपत्र, जन्म तिथि से सम्बन्धित प्रमाणपत्र अनिवार्य रूप से देना होगा। जन्म के 21 दिन के बाद से एक वर्ष के अन्तर्गत सभी जन्म पंजीयन आवेदन फार्म के साथ मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को सम्बोधित शपथ पत्र देना होगा। जन्म के एक वर्ष होने के उपरान्त जिलाधिकारी को सम्बोधित शपथ पत्र संलग करना होगा एवं प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा प्रार्थना पत्र पर अनुमति/पृष्ठांकित होने के उपरान्त ही पंजीयन आवेदन फार्म स्वीकार होगा। दस वर्ष से अधिक जन्म पंजीयन आवेदन फार्म के साथ बच्चे का फोटो अनिवार्य रूप से लगाना होगा। पुराने आवेदन प्रार्थना पत्रों के जांचोपरान्त ही प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।

मृृत्यु पंजीयन के लिए यह है नियम
मृत्यु पंजीयन आवेदन फार्म के साथ पारिवारिक आवेदक का एक फोटो व आवेदक का आधार कार्ड एवं मृतक का फोटो एवं आधार कार्ड अनिवार्य रूप से देना होगा। हॉस्पिटल में मृत्यु होने की स्थिति में हॉस्पिटल की ओर से जारी मृत्यु प्रमाणपत्र एवं घर पर होने की स्थिति में शवदाह गृह, कब्रिस्तान व चर्च की ओर से जारी प्रमाणपत्र, नगर निगम सीमा के अंतर्गत दुर्घटना में मृत्यु होने पर पंचनामा, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अनिवार्य रूप से देना होगा। मृत्यु के 21 दिन के बाद से एक वर्ष के अन्तर्गत सभी मृत्यु प्रमाणपत्र आवेदन पत्र के साथ मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी को सम्बोधित शपथपत्र भी देना होगा। एक वर्ष के बाद आवेदन के साथ जिलाधिकारी को सम्बोधित शपथ पत्र संलग्न करना होगा एवं प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा प्रार्थना पत्र पर अनुमति/पृष्ठांकित होने के उपरान्त ही पंजीयन आवेदन फार्म स्वीकार होगा।

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