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किसी भी उम्र के दसवीं-बारहवीं पास ऐसे बनें इंजीनियर

locationरायपुरPublished: Aug 17, 2022 11:02:36 pm

Submitted by:

Tabir Hussain

सरकारी इंस्टीट्यूट सिपेट में 31 अगस्त तक करें डिप्लोमा व डिग्री कोर्स के लिए अप्लाई

किसी भी उम्र के दसवीं-बारहवीं पास ऐसे बनें इंजीनियर

भरपुरी स्थित सिपेट की बिल्डिंग।

ताबीर हुसैन @ रायपुर. इनोवेशन के मामले में प्लास्टिक इंडस्ट्री काफी आगे चल रही है। टेक्नोलॉजी के चलते प्लास्टिक के कई अट्रेक्टिव प्रोडक्ट आ रहे हैं। राजधानी के भनपुर स्थित सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी ( सिपेट) में तो स्टूडेंट्स प्लास्टि प्रोडक्शन कर रहे हैं। यहां दसवीं-बारहवीं के बाद प्लास्टिक इंजीनियर बना जा सकता है। खास बात ये कि दाखिले की कोई उम्र सीमा नहीं है। सिपेट में 4 वर्षीय बीटेक प्रोग्राम भी संचालित होते हैं। हाई स्कूल लेवल में यह कोर्स करियर का अच्छा ऑप्शन है। जानकारों की मानें तो आने वाले 5 सालों में प्लास्टिक फील्ड में अच्छी संभावनाएं हैं। इसका रेशियो कोविड 19 के कारण और भी बढ़ा है। फ्यूचर में उन युवाओं की मांग अधिक रहेगी जो डिफरेंट फील्ड में स्किल्ड होंगे। यह इंडस्ट्री कहीं न कहीं इसी बात को रिप्रजेंट करती है। सिपेट में डिग्री व डिप्लोमा कोर्स के लिए 31 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं।

इसलिए ग्रोथ की है गुंजाइश

जानकारों की मानें तो टूथब्रश से लेकर कुर्सी तक सभी चीजों में प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। इसका मतलब यह हुआ कि प्लास्टिक का हमारे जीवन में काफी महत्त्व है। लेकिन भारत में अभी प्लास्टिक उद्योग शुरुआती चरण में है। इस वजह से अभी इस फील्ड में ग्रोथ की काफी गुंजाइश है। जब किसी फील्ड में ग्रोथ की संभावना होती है तो वहां करियर का भी खूब मौका होता है। ऐसा ही प्लास्टिक इंडस्ट्री के साथ है।


मिलती है ये ऑपर्चुनिटी

– प्रॉडक्शन इंजीनियर

– सेफ्टी सुपरवाइजर

– मोल्ड और प्रोसेस इंजीनियर

-मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियर

– प्रॉडक्ट डिजाइनर

– क्वॉलिटी कंट्रोल इंचार्ज

– आर एंड डी अफसर
– एक्स्ट्रूजन स्पेशलिस्ट


सिपेट रायपुर में पाठ्यक्रम व अवधि

बी.टेक 4 वर्ष गणित में 12वीं उत्तीर्ण
पीजीडी पीपीटी 2 वर्ष बीएससी
डीपीएमटी 3 वर्ष दसवीं
डीपीएमटी 3 वर्ष दसवीं
डीपीएमटी 2 वर्ष 12वीं पीसीएम
डीपीटी 2 वर्ष दसवीं और आईटीआई

आईआईटी और एनआईटी से एमओयू

सिपेट रायपुर के डायरेक्टर आलोक साहू ने बताया, हमने गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए एनआईटी और आईआईटी संग एमओयू की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सब कुछ ठीकठाक रहा तो दोनों संस्थानों के साथ मिलकर प्लास्टिक फील्ड में रिसर्च किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सिपेट रायपुर से पासआउट 85 परसेंट छात्र इंडस्ट्री ज्वाइन कर लेते हैं। 12 फीसदी हायर एजुकेशन में चले जाते हैं जबकि 3 प्रतिशत छात्र इंटर्नशिप करते हैं।

हर साल प्लास्टिक में इनोवेशन

प्लास्टिक लोगों की रुटीन का हिस्सा बन चुका है। देश में 40 सिपेट हैं जिनमें से 2 छत्तीसगढ़ में हैं। यहां दसवीं के बाद डिप्लोमा और डिग्री कोर्स की सुविधा है। होम एप्लायन्जेस, इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमोबाइल सेक्टर में प्लास्टिक का अहम रोल है। हर साल प्लास्टिक में इनोवेशन हो रहे हैं और नए सेगमेंट को पकड़ा जा रहा है। प्लास्टिक का यूज 35-40 फील्ड में है। समय के साथ यह सेगमेंट और आगे आएगा। जिससे इंडस्ट्री में प्लास्टिक इंजीनियर की जरूरत होगी।
आलोक कुमार साहू, डायरेक्टर, सिपेट रायपुर

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