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दादा गुरुदेव के 11 विधान की चांदी की 11 ध्वजा चढ़ाई गई

locationरायपुरPublished: Feb 12, 2020 01:16:41 am

Submitted by:

VIKAS MISHRA

सीमंधर स्वामी जैन मंदिर में बड़ी पूजा में बही भक्ति गंगा

दादा गुरुदेव के 11 विधान की चांदी की 11 ध्वजा चढ़ाई गई

दादा गुरुदेव के 11 विधान की चांदी की 11 ध्वजा चढ़ाई गई

रायपुर. जैन धर्म में चारों दादा गुरुदेव के उपकारों का स्मरण कर श्रद्धालुओं ने भक्ति पुष्प अर्पित किया। पूनम के अवसर पर दादा गुरुदेव की बड़ी पूजा, साधना-आराधना महोत्सव के रूप में की गई। 10वें पूजा विधान ध्वज पूजन द्वारा चांदी की ध्वजा माताएं एवं बहनों ने सीमंधर स्वामी मंदिर के शिखर पर समर्पित किया। दादा गुरु की छत्री व मूर्तियों की 3 प्रदीक्षणा देकर १1 पूजा विधान के लिए 11 चांदी की ध्वजा चढ़ाई गई।
श्री सीमंधर स्वामी जैन मंदिर एवं जिनकुशल दादाबाड़ी में बड़ी पूजा महोत्सव आयोजित किया गया था। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष संतोष बैद ने दादा गुरुदेव के उपकारों के भाव को प्रगट करते हुए कहा कि पूरे देश में लगभग एक ही ध्वजा दादाबाड़ी में है। परंतु सीमंधर स्वामी जैन मंदिर दादाबाड़ी में भक्तों की दादागुरु के प्रति भक्ति भाव से ११ ध्वजा चढ़ाना संभव हो सका है। उन्होंने सभी लाभार्थी परिवार की अनुमोदना की। ग्यारह विधान में जल, चंदन, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, नैवेद्य, फल, अष्ठ द्रव्य समर्पण के विधान व वस्त्र पूजा व ध्वज पूजा के द्वारा 11 विधान संपूर्ण किए गए। एक साथ 11 चांदी की ध्वजाओं को मस्तक पर लेकर 3 प्रदीक्षणा का दृश्य अत्यन्त ही आल्हादकारी था।
कलात्मक मार्बल की क्षत्री में विराजमान मूर्तियां
ट्रस्ट के महासचिव महेन्द्र कोचर ने बताया कि बड़ी पूजा का प्रारंभ कलात्मक मार्बल की क्षत्री में विराजमान दादा श्री जिनदत्त सूरी मणीधारी जिनचन्द्र सूरी, श्री जिनकुशल सूरी की मूर्तियों व चौथे दादा के सम्मुख श्रीफल, अक्षत, नाणां द्वारा स्थापना मंत्र से हुआ। संगीतमय धुनों के साथ सुप्रसिद्ध भजनगायक निर्मल पारख ने भक्तिरस में गोते लगवाए। दादागुरु के चमत्कारों का वर्णन करती चौपाइयों से भक्तों को सराबोर कर दिया। वहीं महिला मंडल की पूनम बरमट व मंजू कोठारी ने लक्ष्मी लीला चावेरे सुंदर जे गुरु वस्त्र चढ़ावे के द्वारा वस्त्र पूजा का विधान भावपूर्ण स्वर लहरियों से व्यक्त किया। बड़ी पूजा में अनमोल जैन, चंदरी देवी कांकरिया, मेघराज, मुकेश संचेती, लक्ष्मीलाल, हरखचंद कोटडिय़ा, अनिल अर्पण चतुरमोहता, गुमानचंद सुरेशचंद झाबक सहित महिलाओं में शैलजा बरडिय़ा, मधु पारख, चन्द्रमणी पारख, चेतन कानूगा, प्रिया लनिया तथा सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।

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