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‘न्यूटन’ की तरह चाहिए चुनाव अधिकारी जो इन इलाकों में करवा सके निष्पक्ष चुनाव

locationरायपुरPublished: Sep 22, 2018 03:41:52 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

नक्सली हिंसा प्रभावित बस्तर में वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 185 मतदान केंद्र ऐसे थे जिन्हें सुरक्षा कारणों से स्थानांतरित किया गया था।

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शेख तैय्यब ताहिर/जगदलपुर. नक्सली हिंसा प्रभावित बस्तर में वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 185 मतदान केंद्र ऐसे थे जिन्हें सुरक्षा कारणों से स्थानांतरित किया गया था। बावजूद इसके कई बूथ ऐसे थे जहां शून्य मतदान रहा। इसलिए इस बार फिल्म ‘न्यूटन’ की तरह किसी ऐसे चुनाव अधिकारी की जरूरत होगी, जो इन इलाकों में जाकर तमाम परेशानियों और तकलीफों का सामना कर निष्पक्ष तरीके से चुनाव कार्य सम्पन्न करवा सके। बता दें कि फिल्म न्यूटन में बस्तर इलाके की इसी समस्या को प्रमुखता से उठाया गया था।
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नक्सली लोकतंत्र के चुनावी प्रक्रिया का विरोध करते हैं, ऐसे में बस्तर के अंदरूनी इलाकों में प्रशासन के लिए मतदान करवाना भी किसी चुनौती से कम नहीं रहता। कई बार चुनाव के दौरान हिंसात्मक वारदातें भी हुई और जान-माल का नुकसान भी उठाना पड़ा है।
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यही कारण है कि चुनाव आयोग सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मतदान केंद्र सुरक्षित जगह देखकर करीब के इलाके में स्थानांतरित कर देता है। पिछली बार बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में से 10 सीटों के 185 बूथों को नक्सलियों के भय के चलते स्थानांतरित किया गया था। सबसे ज्यादा बीजापुर विधानसभा क्षेत्र के 59 केंद्रों को स्थानांतरित किया गया। इसके बाद कोंटा विधानसभा का नंबर आता है, जहां के 42 मतदान केंद्रों को स्थानांतरित किया गया था।
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बस्तर रेंज आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि पिछले पांच सालों में नक्सलियों के कोर एरिया में कई पुलिस कैंप खोले गए हैं। इसलिए मतदान केंद्रों को स्थानांतरित करने की संख्या में इस बार काफी कमी आएगी। पुलिस प्रशासन तो ज्यादा से ज्यादा केंद्रों में वोटिंग कराने के पक्ष में हैं, लेकिन अंतिम फैसला चुनाव आयोग का होगा।
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