script1200 करोड़ रुपए में प्रस्तावित 43 किलोमीटर कटघोरा-पतरापाली फोरलेन के लिए काटे जाएंगे 12 हजार पेड़ | 12 thousand trees to be cut for forelane of 1200 crores | Patrika News

1200 करोड़ रुपए में प्रस्तावित 43 किलोमीटर कटघोरा-पतरापाली फोरलेन के लिए काटे जाएंगे 12 हजार पेड़

locationरायपुरPublished: Jan 18, 2020 07:22:33 pm

Submitted by:

ramdayal sao

बिलासपुर से कटघोरा तक के फेज का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ है और एनएचएआई ने कटघोरा से पतरापाली होते हुए अंबिकापुर को जोडऩे दूसरे फेज के काम के लिए कवायद शुरू कर दी है। 43 किलोमीटर लंबे इस कांक्रीट फोरलेन के लिए शासन ने मुआवजा और निर्माण समेत 1200 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है।

1200 करोड़ रुपए में प्रस्तावित 43 किलोमीटर कटघोरा-पतरापाली फोरलेन के लिए काटे जाएंगे 12 हजार पेड़

1200 करोड़ रुपए में प्रस्तावित 43 किलोमीटर कटघोरा-पतरापाली फोरलेन के लिए काटे जाएंगे 12 हजार पेड़

रायपुर/ बिलासपुर. 1200 करोड़ के 43 किलोमीटर में प्रस्तावित कटघोरा-पतरापाली फोरलेन के लिए 12000 पेड़ फिर काटे जाएंगे।
एनएचएआई के अफसर इसकी अनुमति लेने के लिए गुरुवार को नागपुर रवाना हुए। इस सडक़ के इस फेज के निर्माण के लिए तीन कंपनियों ने टेंडर डाला है इसके भी एक दो दिन में फाइनल होने की उम्मीद जताई जा रही है।
बिलासपुर से कटघोरा तक के फेज का काम अभी पूरा भी नहीं हुआ है और एनएचएआई ने कटघोरा से पतरापाली होते हुए अंबिकापुर को जोडऩे दूसरे फेज के काम के लिए कवायद शुरू कर दी है। 43 किलोमीटर लंबे इस कांक्रीट फोरलेन के लिए शासन ने मुआवजा और निर्माण समेत 1200 करोड़ की स्वीकृति प्रदान की है। इस फोरलेन के लिए अधिग्रहित किए गए भूखंड के मुआवजे की राशि कटघोरा एसडीएम के समक्ष जमा करा दी गई है।
इस फोरलेन के निर्माण में बाधक सडक़ किनारे के 12000 पेड़ फिर से काटे जाने हैं। इसके लिए एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर नरेंद्र सिंह गुरुवार को पूरे प्रोजेक्ट और बाधक पेड़ों की जानकारी लेकर नागपुर के लिए रवाना हो गए।
ये होगा लाभ
इससे बिलासपुर से लेकर अंबिकापुर तक की सडक़ के फोरलेन हो जाएगी और अंबिकापुर, कोरबा व पाली से आवागमन आसान हो जाएगा। इसके अलावा पाली के पास बारिश में बहे पुल का भी नए सिरे से निर्माण होगा।
& दूसरे फेज में कटघोरा से पतरापाली तक कांक्रीट फोरलेन का निर्माण कराया जाएगा जिसकी लागत 1200 करोड़ रुपए है। चूंकि सडक़ किनारे के 12000 पेड निर्माण में बाधक है और इसका क्लीयरेंस नागपुर मुख्यालय से होना है इसलिए आज नागपुर जा रहे हैं।
नरेंद्र सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआई
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