इसके बाद संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने सभी 128 निकायों को पत्र भेजकर सात दिन के भीतर वर्ष 2019-20 के प्रचलित आडिटेड अकाउंट एवं वर्ष 2020-21 के अन अन आडिटेड एकाउंट की रिपोर्ट संभावार संयुक्त संचालक क्षेत्रीय कार्य को प्रेषित करने को कहा था। साथ ही भारत सरकर के सिटी फाइनेंस पोर्टल पर उक्त जानकारी अपलोड करने को कहा है।
अपलोड जानकारी की रिजेक्ट
संचालनालय नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नगर निगमों और नगर पालिका,नगर परिषद और नगर पंचायत को जारी पत्र अनुसार भारत सरकार के सिटी फाइनेंस पोर्टल पर 128 निकायों ने सर्विस लेवल इंडीकेटर/ बेंचमाक्र्स/ टारगेट, प्लान फार गारबेज फ्री स्टार रेटिंग ऑफ द सिटीज और प्लान फार कवरेज आफ वाटर सप्लाई फार पब्लिक/ कम्युनिटी टायलेट से संबंधित जानकारी त्रुटि पूर्ण अपलोड की है। जिसे भारत सरकार ने रिजेक्ट कर दी है।
500 करोड़ से अधिक की राशि
उक्त कारण से वर्ष 2020-2021 में 15 वें वित्त आयोग के तहत अनुदान राशि नहीं मिली है। करीब 500 करोड़ रुपए भारत सरकार से 15 वें वित्त आयोग के तहत मिलने की संभावना है। वर्ष 2019-20 का बकाया भी करीब 8 करोड़ रुपए नहीं मिला है।
अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2019-20 की अनुदान राशि उक्त वित्त आयोग के तहत 121 करोड़ रुपए पिछले महीने मिले थे, जिसे निकायों को जारी कर दी गई है। अब तक मिली राशि की उपयोगिता सर्टिफिकेट अधिकांश निकायों ने नहीं दी है। सभी को उपयोगिता सर्टिफिकेट शीघ्र भेजने को कहा गया है, ताकि वर्ष 2020-21 और 2022 के लिए 15 वें वित्त आयोग के तहत अनुदान राशि की मांग का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जा सकें।