ज्ञात हो कि यहां झाड़-फूक के बाद बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार हुआ था। इसके बाद पालकों ने बच्चों को अपने रिश्तेदारों के घर भेज दिया था। तब बच्चे बेहोश नहीं हो रहे थे, लेकिन जैसे ही बच्चों को स्कूल भेजना शुरू किया गया, अब वे फिर बेहोश हो रहे हैं। इससे पालक व ग्रामीणों की चिंता फिर बढ़ गई है। वहीं स्वास्थ्य व शिक्षा विभाग के अफसर फिर से स्कूल पहुंच रहे हैं।
मूर्छित हो रहे हैं
कुछ परिजन अपने बच्चों स्वास्थ्य में सुधार के बाद रिश्तेदारों के घर भेज दिए। कुछ परिजन बच्चों को फिर स्कूल भेजने लगे, जिन बच्चों को स्कूल भेजा जा रहा है, वे फिर से बेहोश हो रहे हैं। बच्चों की सेहत में पूरी तरह सुधार नहीं हो पाया है। ऐसे में पालक और ग्रामीण फिर चिंतित हो गए हैं। बताया जा रहा है कि जो बच्चे बेहोश हो रहे हैं वो बड़े अंतराल के बाद मूर्छित हो रहे हैं।
कुछ परिजन अपने बच्चों स्वास्थ्य में सुधार के बाद रिश्तेदारों के घर भेज दिए। कुछ परिजन बच्चों को फिर स्कूल भेजने लगे, जिन बच्चों को स्कूल भेजा जा रहा है, वे फिर से बेहोश हो रहे हैं। बच्चों की सेहत में पूरी तरह सुधार नहीं हो पाया है। ऐसे में पालक और ग्रामीण फिर चिंतित हो गए हैं। बताया जा रहा है कि जो बच्चे बेहोश हो रहे हैं वो बड़े अंतराल के बाद मूर्छित हो रहे हैं।
डॉक्टरों की टीम पहुंची थी
बुधवार को भी डाक्टरों की टीम स्कूल पहुंची थी। बच्चों को स्कूल भवन में पढ़ाने के बजाए पेड़ के नीचे क्लास लगाकर पढ़ाई कराने निर्देशित किया गया था। इसके अलावा बच्चों को खेल में व्यस्त रख उनके ध्यान को बंटाने का प्रयास करने का भी निर्देश दिया गया था, लेकिन सारे ही जतन धरे के धरे रह गए, जब बच्चे फिर से बेहोश होने लगे हैं।
बुधवार को भी डाक्टरों की टीम स्कूल पहुंची थी। बच्चों को स्कूल भवन में पढ़ाने के बजाए पेड़ के नीचे क्लास लगाकर पढ़ाई कराने निर्देशित किया गया था। इसके अलावा बच्चों को खेल में व्यस्त रख उनके ध्यान को बंटाने का प्रयास करने का भी निर्देश दिया गया था, लेकिन सारे ही जतन धरे के धरे रह गए, जब बच्चे फिर से बेहोश होने लगे हैं।