5 सितम्बर को छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने पदोन्नति को नियम विरूद्ध बताते हुए जांच की मांग की थी। संयुक्त संचालक की जांच रिपोर्ट के आधार पर संचालनालय ने पदोन्नति आदेश को निरस्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ 39 कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में वाद दायर कर दिया। सुनवाई पूरी होने पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद संभागीय कार्यालय स्वास्थ्य सेवाएं ने 135 कर्मचारियों की पदोन्नति निरस्त कर दिया।
संयुक्त संचालक पर बनाया गया था दबाव: पदोन्नति में हुई गड़बड़ी की जांच करने वाले संयुक्त संचालक डॉ. सुभाष पांडेय पर कुछ कर्मचारियों ने दबाव बनाने की कोशिश भी की थी। प्रताडऩा सहित अभद्र और अपमानजनक व्यवहार की शिकायत सीएम भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य निहारिका सिंह बारिक, आयुक्त सह-संचालक आर. प्रसन्ना से की गई थी। उस दौरान संयुक्त संचालक ने कहा था कि शिकायतकर्ता ही पदोन्नति की समिति में शामिल थे और खुद को भी उन्होंने पदोन्नत किया है।