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राज्य में 19 वर्ष में चली गई 155 हाथियों की जान, वन और विद्युत विभाग के अफसर फोड़ रहे एक दूसरे पर ठीकरा

locationरायपुरPublished: Jun 17, 2020 04:31:04 pm

Submitted by:

Karunakant Chaubey

विद्युत वितरण कंपनी ने वन क्षेत्रों से नीचे जा रही लाइनों और लटकते हुए तारों और बेयर कंडक्टर (नंगे तारों) को कवर्ड कंडक्टर में बदलने के लिए वन विभाग दरा 1674 करोड़ रुपए देने पर एक वर्ष के अंदर सुधारने का आश्वासन दिया था।

रायपुर. राज्य में पिछले 19 वर्ष में 157 हाथियों की असमय ही अकाल मौत हो गई। लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने उनकी सुरक्षा के लिए कोई पुख्ता इंतजाम तक नहीं किया। उनकी लापरवाही के चलते यह सिलसिला चलता रहा। इसे देखते हुए 2018 में हाइकोर्ट बिलासपुर में एक जनहित याचिका लगाई गई थी। इसमें बताया गया था कि बिजली के करंट से अब तक करीब 45 हाथियों की मौत हो चुकी है। लेकिन, वन और विद्युत विभाग द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

इस दौरान हाइकोर्ट ने दोनों ही विभागो को पत्र लिखकर हाथियों की मौत के संबंध में जानकारी मांगी थी। साथ ही जिम्मेदारी तय करने कहा था। इसके जवाब में विद्युत वितरण कंपनी ने वन क्षेत्रों से नीचे जा रही लाइनों और लटकते हुए तारों और बेयर कंडक्टर (नंगे तारों) को कवर्ड कंडक्टर में बदलने के लिए वन विभाग दरा 1674 करोड़ रुपए देने पर एक वर्ष के अंदर सुधारने का आश्वासन दिया था।

इसकी व्यवस्था करने के लिए वन विभाग ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। इसके जवाब में केंद्र सरकार ने वितरण कंपनी को सारी व्यवस्था करने कहा था। साथ ही बिजली के तारों को ठीक करने कहा था। इसमें विशेष रूप से धर्मजयगढ़ का उल्लेख किया गया था। लेकिन, विभाग ने पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

ट्रिब्यूनल का हवाला

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्णयों का हवाला देते हुए पत्र लिखकर आदेशित किया कि टूटे हुए तारों को वितरण कंपनी ठीक करें। उनकी लापरवाही के चलते ही हाथियों और अन्य वन्य प्राणियों की मौत हो रही है। इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी जवाबदेह है।

बता दें कि करंट से हाथियों की मौत के बाद वन विभाग की ओर से तात्कालीन प्रमुख सचिव ने ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव ऊर्जा को पत्र लिखकर रुपए 1674 करोड़ स्वयं के वित्तीय प्रबंध से करके आवश्यक सुधार कार्य करने के लिए कहा था। साथ ही न्यायालय के आदेश के अनुसार वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 एवं उसके अंतर्गत निर्मित नियम, इंडियन पेनल कोड 1860, इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 तथा अन्य सुसंगत विधियों के तहत कार्यवाही करने की चेतावनी दी थी।

पांच आरोपी गिरफ्तार

रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वनमण्डल के गेरसा गांव में करेंट की वजह से हाथी की मौत के मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें विद्युत विभाग के सब इंजीनियर राजेन्द्र कुजूर, लाइनमेन अमृतलाल द्विवेदी लाइन परिचारक नरेन्द्र दास महंत, कृषक भादोराम एवं एक अन्य को गिरफ्तार किया गया है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी अतुल शुक्ला ने बताया कि करंट से हाथी के मौत की सूचना पर तत्काल वन विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान कृषक द्वारा पता चला कि उनके द्वारा अवैध रूप से पम्प के लिए तार खींचा गया है, जिसके चपेट में आने की वजह से हाथी की मौत हो गई है। बता दें कि करंट से हुई हाथी की मौत के मामले में वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने आरोपी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।

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