राजस्व का नुकसान
परिवहन विभाग की जांच चौकियों को बंद करने से प्रति वर्ष राज्य सरकार को 110 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा था। वहीं जांच चौकियां बंद होने से दूसरे राज्यों के मालवाहक वाहन ओवरलोडिंग कर रही थी। इसके चलते राज्य के ट्रांसपोर्टर भी परेशान हो गए थे।
ओवरलोडिंग का खेल
आरटीओ बैरियर के शुरू होने से ट्रांसपोर्टरों के साथ अवैध गतिविधियों, तस्करी में लिप्त लोगों पर शिकंजा कसेगा। साथ ही महाराष्ट्र, उड़ीसा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की निगरानी करने में मदद मिलेगी। बता दें कि नक्सली प्रभावित राज्य होने के कारण उनके शहरी नेटवर्क भी सक्रिय हो गए थे। मालवाहनों की जांच नहीं होने से जंगलों तक हथियारों की खेप पहुंचाने के इनपुट भी मिल रहे थे।
राज्य सरकार के आदेश के बाद पाटेकोहरा, छोटा मानपुर व मानपुर (राजनंदगांव), चिल्फी (कबीरधाम), खम्हारपाली व बागबाहरा (महासमुंद), केंवची (बिलासपुर), धनवार व रामानुजगंज (बलरामपुर), घुटरीटोला और चांटी (कोरिया).रेंगारपाली (रायगढ़), शंख व उप जांच चौकी लावाकेरा (जशपुर), कोंटा (सुकमा) और धनपूंजी (बस्तर) स्थित जांच चौकियों को शुरू किया गया है।