कुछ दिनों तक यहीं से सिटी बसों का संचालन किया जा रहा था, लेकिन इससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही थी। सामान उठाकर 500 मीटर पैदल चलना और फिर आना। कई यात्रियों ने इसकी शिकायत शहरी यातायात सोसायटी से की, जिसमें उन्होंने तर्क दिया कि जब निजी वाहन यानी टैक्स टर्मिनल बिल्डिंग के करीब जा सकती है, तब पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए उपयोग होने वाला सिटी बस क्यों नहीं।
इस मुद्दे को लेकर सिटी बस संचालन समिति ने भी साथ दिया। वहीं, इस प्रस्ताव को लेकर समिति ने एयरपोर्ट प्रबंधन के सामने शर्त रख दी कि यदि निजी वाहन टर्मिनल बिल्डिंग तक आ रही है तब सिटी बसों को भी यात्रियों की सुविधा के लिए टर्मिनल बिल्डिंग तक आने की सुविधा देनी चाहिए। जहां तक बात सुरक्षा कारणों की है, तो सिटी बस का संचालन जिला व निगम प्रशासन के बैनर तले किया जा रहा है, इससे सुरक्षा को खतरा नहीं होना चाहिए। इस प्रस्ताव के बाद प्रबंधन ने काफी सोच-विचार के बाद एक बार फिर सिटी बस को टर्मिनल बिल्डिंग के करीब स्टापेज पर रूकने की अनुमति दे दी है।
कुल 16 बसें
शहरी यातायात समिति के मुताबिक वर्तमान में कुल 16 सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है, जिसमें 12 बसें वीआइपी रोड से एयरपोर्ट की ओर और बाकी 4 बसें देवपुरी, डूमरतराई की ओर से संचालित की जा रही है।
बस में 20 रु., टैक्सी में 600 रु. किराया: प्रशासन के मुताबिक दुर्ग से लेकर माना एयरपोर्ट और रायपुर से माना एयरपोर्ट के लिए बसों का किराया काफी न्यूनतम रखा गया है। ये बसें एयरकंडीशन है। माना एयरपोर्ट से रायपुर का किराया 20 रुपए तय किया गया है, वहीं निजी टैक्सी में यह किराया लगभग 600 रुपए हैं।
यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर सिटी बसों को टर्मिनल बिल्डिंग के पास स्टापेज में खड़ा किया जा रहा है। इससे पहले बाहर 500 मीटर दूर स्टॉपेज बनाया गया था, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही थी।
बद्री चंद्राकर, नोडल अधिकारी, शहरी सार्वजनिक यातायात सोसायटी