जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विमल किशोर राय ने बताया कि फाइलेरिया को हाथीपांव भी कहा जाता है। यह जानलेवा नहीं होता है, लेकिन इसका इलाज नहीं होता है। इससे सिर्फ बचाव किया जा सकता है, जिसके लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अपनाया गया है, जिसमें सभी को वर्ष में एक बार दवा दी जाती है। ३ वर्ष तक लगातार यह गोली लेने से फाइलेरिया से हमेशा के लिए बचाव हो जाता है। फाइलेरिया में मरीज के पैर मोटे हो जाते हैं।
डॉ. के.आर. सोनवानी, सीएमएचओ, रायपुर