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छत्तीसगढ़ के १६ जिले फाइलेरिया प्रभावित

locationरायपुरPublished: Sep 20, 2019 10:16:54 pm

Submitted by:

abhishek rai

रायपुर, बलौदाबाजार समेत ४ जिलों के सरकारी व निजी स्कूलों में होगा फाइलेरिया का सर्वे, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत चयनित, प्रदेश में १६ जिले प्रभावित

छत्तीसगढ़ के १६ जिले फाइलेरिया प्रभावित

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रायपुर. राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए रेंडम प्रक्रिया से सर्वे के लिए चयनित रायपुर समेत ४ जिलों के स्कूलों में बच्चों के खून की जांच की जाएगी। फाइलेरिया उन्नमूलन के लिए रोग संक्रमण की जांच के लिए 20 से 30 सितंबर तक स्कूली बच्चों का सर्वे किया जाएगा। फाइलेरिया ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे के लिए रायपुर, बलौदाबाजार, गरियाबंद और महासमुंद जिले के 281 सरकारी और निजी स्कूला में सर्वे कार्य किया जाएगा। सर्वे के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की 35 चिरायु टीम चयनित जिले के पहली और दूसरी कक्षा में अध्यनरत करीब 7000 बच्चों की जांच करेगी। फाइलेरिया उन्मूलन के लिए रायपुर में 80, बलौदाबाजार में 49, गरियाबंद में 79 और महासमुंद में 73 चिह्नांकित सरकारी और निजी स्कूलों में सर्वे किया जाएगा। प्रत्येक टीम को प्रतिदिन एक से दो स्कूलों में कैम्प आयोजित कर जांच रिपोर्ट देनी है। राजधानी के एक होटल में आयोजित प्रशिक्षण में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य सलाहकार डॉ. चिन्मय दास ने बताया कि भारत में करीब 60 करोड़ की जनसंख्?या फाइलेरिया रोग से प्रभावित क्षेत्र में रहती है जबकि छत्तीसगढ़ में 16 जिला प्रभावित क्षेत्र में आते है। प्रदेश में ४ प्रकार के वेक्टर जनित रोग मलेरिया, फायलेरिया, डेंगू एवं जापानीज एनसेफ्लाइटीस पाए जाते हैं।
३ साल लगातार गोली लेने से फाइलेरिया से बचाव
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विमल किशोर राय ने बताया कि फाइलेरिया को हाथीपांव भी कहा जाता है। यह जानलेवा नहीं होता है, लेकिन इसका इलाज नहीं होता है। इससे सिर्फ बचाव किया जा सकता है, जिसके लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अपनाया गया है, जिसमें सभी को वर्ष में एक बार दवा दी जाती है। ३ वर्ष तक लगातार यह गोली लेने से फाइलेरिया से हमेशा के लिए बचाव हो जाता है। फाइलेरिया में मरीज के पैर मोटे हो जाते हैं।
जिले में फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 20 सितंबर से स्कूली बच्चों का ब्लड सेम्पल लेकर जांच किया जाना है । सर्वे अभियान चालने के लिए चिरायु की 11 टीम को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है।
डॉ. के.आर. सोनवानी, सीएमएचओ, रायपुर
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