रायपुर में सर्वाधिक दुर्घटना: रायपुर जिले में जनवरी से 15 मई के बीच 710 सड$क हादसे में 292 व्यक्तियों की मृत्यु तथा 525 लोग घायल हुए है। इसी तरह से राजनांदगांव 125, रायगढ 120, दुर्ग 126 , कोरबा 106 बलौदाबाजार 102, बिलासपुर 98 महासमुंद 91 दुर्घटनाओं में मृत्यु हुई है। वहीं अन्य जिलों में 30 से लेकर 70 हादसे हुए हैं।
दोपहर 3 से रात 9 बजे खतरनाक राज्य में कुल 5021 दुर्घटनाओं में सर्वाधिक 46.11 फीसदी दोपहर 3 से रात 9 बजे के बीच हुई है। इसमें अधिकांश युवा वर्ग के दोपहिया और पैदल चलने वाले लोग प्रभावित हुए है। राज्य पुलिस के अधिकारियों ने इसकी मुख्य वजह लापरवाही पूवर्क बिना ट्रैफिक देखे मुख्य मार्ग पर प्रवेश करना है।
ब्लैक स्पॉट 38 फीसदी कम हुए राज्य में 2020 के दौरान 140 और2021 में 114 ब्लैक स्पॉट थे। दुर्घटनाजन्य इन स्थानों में लगातार सुधार करने के बाद पिछले 3 वर्षो में 38 फीसदी की कमी हुई है। इस समय 104 दुर्घटनाजन्य स्थान है। इसमें सबसे ज्याद रायगढ़ में 11, रायपुर में 9, राजनांदगांव एवं जांजगीर में 6, कोरबा, बिलासपुर, जगदलपुर, रायगढ़ में 5-5 और अन्य जिलों में 3 से 4 ब्लैक स्पॉट हैं।
शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्र संवेदनशील राज्य में सर्वाधिक दुर्घटनाएं जिला मुख्यालय से सटे हुए ग्रामीण क्षेत्रों की सड$कों में हुए है। इसमें 5.22 फीसदी कार जीप सवार, 3.29 फीसदी ट्रेक्टर सवार और 3.39 फीसदी साइकिल सवाल की मौत हुई है। राज्य पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि सड$क हादसे की मुख्य वजह तेजी से लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने, नशे की हालत, गलत दिशा से वाहन चलाने, मोबाइल का उपयोग करने और सड$क में मवेशी दुर्घटनाओं का कारण बने हैं।
हाइवे पेट्रोङ्क्षलग तैनात राज्य के 104 दुर्घटनाजन्य स्थानों में 45 वाहनों को स्पीड राडार मशीनों के साथ तैनात किया गया है। साथ ही उन्हे ओवर स्पीड और लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। बता दें कि प्रदेश के 27 जिलों में क्षेत्रफल के अनुसार 1 से 3 वाहनों की तैनाती की गई है।
चालानी कार्रवाई होगी ट्रैफिक एआईजी संजय शर्मा ने बताया हादसों को रोकने के लिए हाईवे पेट्रोङ्क्षलग को वाहनों की सख्ती से जांच करने के निर्देश दिए गए है। साथ ही पड़े जाने पर चालानी कार्रवाई करने कहा गया है।