script2 साल की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले 16 हजार 278 शिक्षाकर्मियों का होगा संविलियन, कैबिनेट की हरी झंडी | 16278 Shikshakarmi of Chhattisgarh will be merged on 1 November 2020 | Patrika News

2 साल की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले 16 हजार 278 शिक्षाकर्मियों का होगा संविलियन, कैबिनेट की हरी झंडी

locationरायपुरPublished: Jul 15, 2020 07:47:20 am

Submitted by:

Ashish Gupta

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 2 वर्ष एवं उससे अधिक की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों (Shikshakarmi Merger) के संविलियन को राज्य मंत्रिपरिषद ने हरी झंडी दे दी है।

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रायपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 2 वर्ष एवं उससे अधिक की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों (Shikshakarmi Merger) के संविलियन को राज्य मंत्रिपरिषद ने हरी झंडी दे दी है। पंचायत और नगरीय निकाय संवर्ग के शिक्षाकर्मियों का संविलियन राज्य स्थापना दिवस 1 नवंबर 2020 को होगा। इससे 16 हजार 278 शिक्षाकर्मियों को फायदा होगा।
वहीं सरकार पर सालाना करीब 425 करोड़ रुपए का वित्तीय भार आएगा। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि 2 साल या उससे अधिक की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले शिक्षाकर्मियों का संविलियन (Shikshakarmi Samviliyan) किया जाएगा। सरकार गठन के बाद से शिक्षाकर्मियों का संगठन संविलियन अधिकार मंच इसके लिए लगातार प्रयासरत था।

जुलाई वालों का नहीं हुआ संविलियन
पूर्ववर्ती सरकार के फैसले के मुताबिक 8 साल की सेवा पूरी करने वाले शिक्षाकर्मियों का संविलियन जनवरी और जुलाई में होना था। जनवरी में तो शिक्षाकर्मियों का सम्मेलन हुआ, लेकिन जुलाई में इसका आदेश जारी नहीं हुआ। करीब ढाई हजार शिक्षाकर्मियों का संविलियन होना था।

परिवीक्षा अवधि अब दो की बजाय 3 साल
मंत्रिपरिषद ने सीधी भर्ती के समस्त पदों पर परिवीक्षा अवधि 3 वर्ष की करने का फैसला लिया है। बता दें कि अब तक परिवीक्षा अवधि 2 साल के लिए ही रहती थी। छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के संयोजक अनिल शुक्ला का कहना है कि इस फैसले से कर्मचारियों को 1 साल ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।

सिंहदेव बोले संविलियन की फैसले से मिला संतोष
पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने शिक्षाकर्मियों के संविलियन की फैसले पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने सालों से कहा था कि हम संविलियन करेंगे, लेकिन नहीं किया। कांग्रेस के घोषणा पत्र में इसकी मांग को रखा था। राहुल गांधी ने इसका अनुमोदन किया था। आज कांग्रेस की सरकार ने उसे पूरा किया है।

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