उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में-2019 तक आर्थिक रूप से कमजोर बीपीएल हितग्राहियोंं के घर में बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर सौभाग्य योजना शुरू किया है। इसी उद्देश्य को लेकर धमतरी जिले में भी विद्युत विभाग द्वारा 3 नवंबर से इस योजना की शुरूआत की गई है। इसके अंतर्गत वर्ष-2019 तक जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों के आर्थिक रूप से कमजारे सभी परिवारों को बिजली कनेक्शन दिया जाना है। इसमें भी आर्थिक रूप से कमजोर हितग्राहियों को नि:शुल्क तथा सामान्य ग्रामीण हितग्राहियोंं को 50 रूपए की 10 मासिक किश्तों में विद्युत कनेक्शन देना है। लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग ने ग्राम अर्जुनी, रावां, बिरेझर समेत विभिन्न गांवों में शिविर लगाकर आवेदन भी लिया, जिसके चलते हितग्राहियों को बिजली कनेक्शन दिया गया है। विडम्बना है कि कई ऐसे आवेदन हैं, जिसका आज तक निराकरण नहीं हो पाया है। यही नहीं वनांचल के दुगली, बोराई, एकावरी समेत ऐसे क्षेत्र हैं, जहां बिजली की रोशनी नहीं पहुंच पाई है। उधर विभाग का कहना है कि इस योजना के तहत लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है, लेकिन सलज बिजली बिल योजना के तहत लगाए गए शिविर मेंं 18 सौ हितग्राहियों ने पुन: आवेदन दिया है। ऐसे में विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर कई सवाल खड़ा हो रहा है।
सौभाग्य योजना का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। आवेदनों की जांच-पड़ताल की जा रही है। सही पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
अशोक खंडेलवाल, ईई आवेदन एक नजर में
सूत्रों की मानें तो विभाग ने जिले के कुल 61 9 गांवों के हितग्राहियों को सीएसपीडीसीएल द्वारा 756 और के्रडा के माध्यम से 85 विद्युत कनेक्शन दिया है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र मेंं 63 हितग्राहियों को इस योजना के तहत लाभ पहुंचाया गया है। जबकि 85 हितग्राहियों को कनेक्शन देने की जिम्मेदारी क्रेडा विभाग को सौंपा गया था। हितग्राहियों का आरोप है कि उनके आवेदन पर विचार नहीं किया गया है।
पनप रहा रोष
ग्रामीण मदन पटेल, जितेन्द्र सिन्हा का कहना है कि वर्ष-2011 की जनगणना सूची को आधार मानकर ही हितग्राहियों को योजना का लाभ दिया गया है। जबकि कई ऐसे हितग्राही, जिन्हें आज तक विद्युत कनेक्शन मिला और न ही विभागीय अधिकारियोंं ने उनकी सुध ली। ऐसे मेंं उनमें रोष पनप रहा है।