scriptकचरे के पहाड़ पर हरियाली लाने 19 करोड़ फूंके, अब फिर 18 करोड़ खर्च करने की तैयारी | 19 crores were burnt to bring greenery on the mountain of garbage | Patrika News

कचरे के पहाड़ पर हरियाली लाने 19 करोड़ फूंके, अब फिर 18 करोड़ खर्च करने की तैयारी

locationरायपुरPublished: Aug 18, 2022 07:11:01 am

Submitted by:

Dinesh Yadu

सरोना ट्रेचिंग ग्राउंड का मामला: बोरवेल्स बेकार, ड्रिप सिस्टम भी अस्त-व्यस्त, पाइपलाइन फूटी

सरोना ट्रेचिंग ग्राउंड का मामला: बोरवेल्स बेकार, ड्रिप सिस्टम भी अस्त-व्यस्त, पाइपलाइन फूटी

सरोना ट्रेचिंग ग्राउंड का मामला: बोरवेल्स बेकार, ड्रिप सिस्टम भी अस्त-व्यस्त, पाइपलाइन फूटी

दिनेश यदु @ रायपुर.शहर के सरोना क्षेत्र (Sarona area)में 15 वर्षो से पूरे राजधानी का कचरा डंप (capital’s garbage dump)किया जाता था। वहां सैकड़ों एकड़ जमीन पर दूर-दूर तक कचरे का पहाड़ ही नजर आता था। इस कचरे के ढेर में स्मार्ट सिटी व नगर निगम (smart city and municipal corporation) ने 2019 में करोड़ों रुपए खर्च कर पौधरोपण करने के बाद पौधों के देखभाल व रखरखाव के लिए ठेकेदार को दो माह दो वर्ष के अनुबंध किया गया है। सरोना जहां दूर-दूर तक कचरे का ढेर नजर आता था, वहा देखते ही देखते हरियाली से आच्छादित हो गई। लेकिन पिछले आठ माह से रखरखाव का अनुबंध समाप्त होने के बाद पौधों को पानी देना तो दूर कोई अधिकारी व जनप्रतिनिधि झांकने तक नहीं गया । नतीजा पूरे क्षेत्र में पेड़ सूखकर ठूंठ में तब्दील हो रहे हैं।
एमसीआई ने खर्च करने दी स्वीकृति
14 जुलाई को एमआईसी की बैठक (MIC meeting) में स्वच्छ भारत मिशन शाखा (Swachh Bharat Mission Branch) के प्रस्ताव से सरोना स्थित पुराने डम्प क्षेत्र के रिमेडियेशन कार्य के लिए नगर निगम आयुक्त द्वारा पुनर्विचार हेतु प्रस्तुत विभागीय प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति दी है। प्रकरण में निविदा में प्राप्त न्यूनतम दर राशि रूपये 333 प्रति मिट्रिक टन तथा अनुमानित व्यय राशि 14 करोड़ 98 लाख 50 हजार रूपये पर कार्य की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
सरोना ट्रेचिंग ग्राउंड का मामला: बोरवेल्स बेकार, ड्रिप सिस्टम भी अस्त-व्यस्त, पाइपलाइन फूटी
IMAGE CREDIT: Dinesh Yadu @ Patrika Raipur
पहले कर चुके है 19 करोड़ खर्च
स्मार्ट सिटी के तहत 19.40 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी आज सरोना की हालत पहले जैसा हो गया है। तीन वर्ष पहले नगर निगम ने करीब 18 करोड़ रुपए खर्च कर बायो माइनिंग पद्धति यानी केमिकल का इस्तेमाल कर कचरे को उसी जगह पर नष्ट कर पौधरोपण किया। जिसके बाद 1.40 करोड़ रुपये पौधों के रखरखाव लिए खर्च कर डाले. आज वही फिर कचरे का ढेर नजर आ रहा है। बोरवेल्स व ड्रीप पाइप खराब स्मार्ट सिटी द्वारा पौधों को पानी देने के लिए एक बोरवेल्स लगाया गया था, जो पिछले 9 माह से सूखा पड़ा हुआ है, इसके साथ बोरवेल्स का पाइप लाइन टूट चुका है। ड्रीप पाइप के जरिए पेड़ों में पानी पहुंचाने के लिए पूरे क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाई गई थी ,वह भी पूरे तरह से टूटने के साथ-साथ गायब हो गए है।
पेड़ों के सूखने का यह सबसे बड़ा कारण है।
गौरतलब है कि तीन माह पहले स्मार्ट सिटी प्रबंधक आशीष मिश्रा (Smart City Manager Ashish Mishra) ने कहा था कि 2019 से वहां पर जो एजेंसी थी वह अपना कार्य कर रही थी, कोरोना संक्रमण के दौरान कर्मचारियों पहुंचने पर जरूर तकलीफ हुई था। अभी चार माह पहले अनुबंध खत्म हुई है, अब हम दूसरी एजेंसी को सेंड वार करने की तैयारी कर रहे हैं यह प्रक्रिया हमारे संज्ञान पर है जो भी पौधे मरे हैं, उसकी जगह दूसरी लगाए जाएंगे। लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार के पौधे लगाए नहीं गए हैं।
नगर निगम, आयुक्त मयंक चतुर्वेदी (Municipal Corporation Commissioner Mayank Chaturvedi) ने कहा कि एमआईसी की बैठक में प्रस्ताव पारित होने के बाद 18 करोड़ रुपए का टेंडर हो चुका है। नगर निगम के सामान्य सभा में पारित होने के बाद सरोना में

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