script20 करोड़ की 3 किमी सड़क 5 साल से अधूरी, 50 हजार लोग रोज परेशान | 20 crore 3 km road incomplete for 5 years, 50 K people facing problem | Patrika News

20 करोड़ की 3 किमी सड़क 5 साल से अधूरी, 50 हजार लोग रोज परेशान

locationरायपुरPublished: Jul 22, 2021 02:25:52 pm

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CG Desk

– महोबाबाजार, कोटा, कबीरनगर व हीरापुर के रहवासी कर रहे राहत का इंतजार- भुइंया तालाब के पास बेजाकब्जा हटाने में खींचतान से उलझा काम

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रायपुर . शहर के महोबाबाजार कोटा, कबीर और हीरापुर के लोगों को एक तीन किमी लंबी सड़क की सुविधा नहीं मिल पाई। जिसे बनाने में करीब 20 करोड़ रुपए खर्च होने के दावे थे। यह सड़क पिछले पांच सालों से अधूरी है। एक बार फिर बारिश का सीजन सिर पर है। गर्मी के महीने बीत गए, परंतु सड़क ऐसी बन रही है कि निर्माण आगे नहीं बढ़ा। धक्के खाते हुए कबीरनगर चौक से होकर टाटीबंध रोड क्रमांक-दो में पहुंचने की मजबूरी है। जिम्मेदार अपना-अपना तर्क दे रहे हैं और क्षेत्र के लोग हलाकान हैं।
टाटीबंध चौक से शहर की तरफ आने वाली जीई रोड की यह सबसे जरूरी कनेक्टिविटी वाली सड़क कही जाती है, वही रोड अधूरी पड़ी है। इस क्षेत्र की केनाल रोड पर बनने वाली इस सड़क का निर्माण पांच साल पहले पीडब्ल्यूडी के डिवीजन-9 ने शुरू किया था। इस क्षेत्र से विधायक रहे पीडब्ल्यूडी मंत्री राजेश मूणत ने कई सड़कों का निर्माण कराया था, जो काफी संकरी थीं। इनमें से रामनगर-कोटा रोड प्रमुख है। यह सड़क तो बन गई परंतु कबीरनगर चौक से भुइंया तालाब से होकर रिंग रोड टू पर लगने वाली सड़क आज तक अधूरी है। जिन जगहों पर डिवाइडर बनाकर पौधे लगाए जाने था, वह काम भी नहीं हुआ है। बल्कि उसके ऊपर लगे हुए लोहे के ग्रील पर लोहा चोरों की नजर लग गई है। कई जगह से ग्रील काटे जा चुके हैं।
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जीई रोड की कनेक्टिविटी रोड
इस क्षेत्र की नहर पर सड़क बनाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च करने का प्लान इसलिए बनाया गया था कि जीई रोड का ट्रैफिक दबाव काफी हद तक कम होगा और शहर के लोग जिन्हें अंदर-अंदर भनपुरी वाली रोड तरफ जाना होता है, वे सीधे रिंग रोड-टू पर लगेंगे और महोबाजार, कोटा, कबीरनगर और हीरापुर क्षेत्र के लोगों की आवाजाही आसान होगी। लोग नई केनाल रोड से होकर सीधे चाहे भनपुरी तरफ या फिर टाटीबंध चौक तरफ से भिलाई, दुर्ग की ओर आने-जाने की सहूलियत होती।
नहर पाटकर बनाई जा रही थी रोड
नहर को पाटकर रोड बनाने का प्लान फाइनल हुआ था। बीच में अवैध कब्जा हटाने में नगर निगम को दो साल बीत गए। इस वजह से निर्माण बीच ही अटका रहा। गर्मी के महीनों में काम हुआ नहीं। अब बरसात में निर्माण कार्यों की रफ्तार वैसे भी धीमी पड़ जाती है, क्योंकि डामरीकरण बारिश में की नहीं जाती। पीडब्ल्यूडी के अफसरों का कहना है कि इस रोड के निर्माण में सबसे बड़ी बांधा भुइंया तालाब के करीब अवैध कब्जा हटाने में नगर निगम को काफी समय लगा। इस वजह से निर्माण रोकना पड़ा। जबकि एक हिस्से की सड़क बन गई है।
व्यवस्थापन में देर, अब 35 शिफ्ट
भुइंया तालाब के करीब अवैध कब्जा के कारण सड़क का काम रुका था, परंतु अब रास्ता साफ हो गया है। 35 प्रभावितों को हटाकर बीएसयूपी के मकानों में शिफ्टिंग की गई है, इसलिए निर्माण में अब दिक्कत नहीं है।
– घनश्याम छत्री, अध्यक्ष जोन क्रमांक- 8
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