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20 हजार से अधिक मकान तैयार, 45 लाख तक के मकान में जीएसटी दर एक प्रतिशत

locationरायपुरPublished: Jun 24, 2020 02:00:01 am

Submitted by:

ashutosh kumar

ग्राहकों को राहत : सीमेंट और सरिया की कीमतों में अभी नही हुई बढ़ोतरी

20 हजार से अधिक मकान तैयार, 45 लाख तक के मकान में जीएसटी दर एक प्रतिशत

20 हजार से अधिक मकान तैयार, 45 लाख तक के मकान में जीएसटी दर एक प्रतिशत

रायपुर. प्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर की स्थिति पर गौर करें तो वर्तमान में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 20 हजार से अधिक मकान बनकर तैयार हंै। वहीं विकसित जमीनों की बात करें रेरा से रजिस्टर्ड 1135 रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में से 50 हजार से प्लॉट्स बिक्री के लिए तैयार है। प्रापर्टी सेक्टर में जीएसटी की दरें बीते साल से कम हो चुकी है। वर्तमान में तैयार मकानों में जीएसटी की दरें 12 फीसदी से घटकर 5 फीसदी और 45 लाख रुपए तक के मकानों में जीएसटी की दरें 8 फीसदी से घटकर 1 फीसदी पर आ चुकी है। रियल एस्टेट विशेषज्ञों का कहना है कि मकान और जमीन खरीदने के लिए यह सबसे बेहतर समय है। राजधानी में ही 10 हजार से अधिक मकान बनकर तैयार है। सरकारी सेक्टर में गौर करें तो हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट में ही 10 हजार से अधिक मकान खरीदारों के इंतजार में है।

सीमेंट की कीमतें 270 रुपए पर आकर रूकीं
सी मेंट की कीमतें अभी 270 रुपए के आस-पास आकर रूक चुकी है। इससे पहले कंपनियों ने कीमतें में लगातार बढ़ोतरी की थी। सीमेंट कंपनियों द्वारा कीमतों में लगातार उछाल व विरोध के बाद कंपनियों फिलहाल कीमतों पर ब्रेक लगा दिया है। सीमेंट की कीमतें वर्तमान में 250 रुपए से लेकर अधिकतम 270 रुपए तक है। बारिश के दिनों में मकानों के निर्माण की वजह से अभी खपत में भी बढ़ोतरी हो चुकी है।

सरिया 41 हजार से घटकर 38 हजार पर
स रिया की कीमतें 41 हजार रुपए से घटकर 38 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर आ चुकी है। कोरोना के दौर में सरिया की कीमतों में लगातार गिरावट जारी है। ब्रांडेड सरिया की कीमतें 40 से 41 हजार रुपए के बीच कायम हेै। राजधानी के स्टील सेक्टर में प्रोडक्शन में वृद्धि होने के बाद डिमांड से ज्यादा सप्लाई होने की वजह से भी सरिया की कीमतों में अभी बढ़ोतरी नहीं देखी जा रही है। उद्योगपतियों के मुताबिक देश के अन्य स्टील उत्पादक राज्यों में भी फैक्ट्रियों के शुरू होने की वजह से कीमतों में बड़ा उछाल फिलहाल आने की संभावना नहीं है।

जमीन में जीएसटी का मुद्दा बड़ी वजह
रियल एस्टेट सेक्टर में वर्तमान में जमीन पर जीएसटी का मुद्दा बाजार में बना हुआ है। गुजरात एडवांस रूलिंग अथॉरिटी (एएआर) ने हाल ही में एक आदेश दिया है, जिसमें कहा गया है कि यदि विक्रेता ड्रेनेज जैसी प्राथमिक सुविधाएं प्रदान कर रहा है, तो जमीन के प्लॉट की बिक्री पर जीएसटी लागू है। विकास प्राधिकरणों जैसे कि जिला पंचायत की आवश्यकता के अनुसार पानी और बिजली की लाइनें और भूमि समतल करना आदि शामिल हैं। इस मुद्दे पर क्रेडाई छत्तीसगढ़ के लीगल एडवाइजर विजय नत्थानी ने कहा कि विकसित प्लॉट पर अभी तक जीएसटी लागू नही है। ऐसा नहीं होना चाहिए। हम इसका विरोध करेंगे। हालांकि इसका भार ग्राहकों पर आएगा। विकसित जमीन पर 5 फीसदी जीएसटी से ग्राहकों भार पड़ेगा।

एक साल पहले ही कम हो चुकी हैं जीएसटी दरें
जीएसटी काउंसिल की बैठक में निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत और सस्ते मकान 45 लाख तक जीएसटी 8 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया। लेकिन ऐसे मकानों पर निर्माण कंपनियों को इनपुट टैक्स की छूट नहीं मिलेगा।

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