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पुलिस के मुताबिक माना इलाके में डायमंड एजेंसी के नाम से दवा का कारोबार करने वाले पंकज जैन ने थाने में लिखित शिकायत की है। इसमें उन्होंने बताया है कि सूरत के आदिनाथ डिस्पोजल एजेंसी को 14 अप्रैल को 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन व अन्य सामान सप्लाई करने का आर्डर दिया गया था। इसके लिए 6 लाख 80 रुपए का एडवांस भुगतान कर दिया गया था। राशि का एडवांस भुगतान करने के बावजूद उन्हें इंजेक्शन नहीं दिया गया है। इसकी शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।नकली की आशंका पर जांच
सूरत और जबलपुर में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Fake Remdesivir Injection) बनाने वालों की गिरफ्तारी के बाद संदेह के आधार पर ड्रग विभाग और पुलिस की टीम डायमंड एजेंसी पहुंची। और उनके स्टॉक, दस्तावेज व रेमडेसिविर इंजेक्शन के आर्डर संबंधी जानकारी ली। पुलिस का कहना है कि फिलहाल नकली इंजेक्शन से जुड़ा कोई सबूत नहीं मिला है। सूरत से इंजेक्शन सप्लाई नहीं हो पाई है।
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कारोबारी को नोटिस जारी
माना पुलिस ने कारोबारी पंकज को नोटिस जारी किया है। इसमें उनसे 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगाने का आधार, दस्तावेज व अन्य जानकारी मांगा है। उल्लेखनीय है कि नकली रेमडेसिविर का मामला सामने आने के बाद पुलिस और ड्रग विभाग अधिक मात्रा में इंजेक्शन खरीदने और बेचने वालों पर नजर रखे हुए हैं। पुलिस के मुताबिक सूरत वालों ने पंकज से स्वयं संपर्क किया था और इंजेक्शन देने का दावा किया था।