200 करोड़ के नकली उत्पादों का बाजार, ना कंपनी को भनक और ना ही ग्राहकों को
- सालभर में दूसरा बड़ा जखीरा पकड़ में आया
- 15-20 कंपनियों के नकली उत्पाद बाजार में
- असली उत्पाद कैसे पहचाने

रायपुर. प्रदेश की राजधानी में रायपुर में सोमवार को श्रीबंजारी रोड स्थित बाजार की एक दुकान से हिंदुस्तान यूनिलीवर के नकली उत्पादों का जखीरा पकड़ में आने के बाद हड़कंप मच गया है। पुलिस ने जेएन ट्रेडर्स में छापेमारी के बाद जांच शुरू कर दी है। सालभर के भीतर यह दूसरा बड़ा जखीरा है, जिसमें इसी कंपनी के डुप्लीकेट सामानों की जब्ती की गई है। जानकारी के मुताबिक यह कार्यवाही कंपनी के मुंबई स्थित लीगल टीम द्वारा 15 दिनों तक राजधानी के बाजारों में खाक छानने और सूत्रों द्वारा जानकारी जुटाने के बाद स्थानीय पुलिस की मदद से की गई।
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पत्रिका ने अपनी पड़ताल में पाया कि छत्तीसगढ़ में अलग-अलग ब्रांड के नकली उत्पादों का कारोबार सालाना 200 करोड़ से अधिक हैं, जिसमें सबसे ज्यादा फेयरनेस क्रीम, चाय, कॉस्मेटिक क्रीम, साबुन, बिस्किट, दवाइयां व अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं। यह ताज्जुब की बात है कि इतने बड़े पैमाने पर डुप्लीकेसी होने के बाद भी कंपनी, स्थानीय प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लग रही है। राजधानी में साल 2020 में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभागग ने भी डुमरतराई स्थित बाजार से नकली उत्पादों पर कार्यवाही की थी।
ये हैं प्रमुख ठिकाने
सूत्रों के मुताबिक नकली उत्पादों के कुछ प्रमुख ठिकाने हैं, जहां से धड़ल्ले से होलसेल कारोबार जारी हो रहा है। इसमें डुमरतराई थोक बाजार, गुढिय़ारी बाजार, भाटापारा, तिल्दा सहित जांजगीर-चांपा स्थित नैला प्रमुख हैं। सूत्रों के मुताबिक नकली उत्पादों में रि-पैकेजिंग के साथ असली उत्पादों के जैसे हू-ब-हू रैपर का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक बारीकी ग्राहकों को यह पता नहीं चलता कि यह असली है या नकली, लेकिन बैच नंबर, एक्सपायरी डेट, एचएसएन कोड आदि को देखकर असली-नकली की पहचान की जा सकती है।
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15-20 कंपनियों के नकली उत्पाद बाजार में
इस मामले में छत्तीसगढ़ के हिंदुस्तान यूनिलीवर के डिस्ट्रीब्यूटर ललित जैसिंघ ने बताया कि एक साल के भीतर दूसरी बार नकली उत्पादों का जखीरा पकड़ में आने के बाद कंपनी को बड़ा झटका लगा है। हमने स्थानीय प्रशासन से और भी बाजारों में जांच की मांग की है। सिर्फ हिंदुस्तान यूनिलीवर की नहीं बल्कि 15 से 20 ऐसी कंपनियां हैं, जिसके नकली उत्पाद इन दिनों बाजारों में बिके जाने की आशंका है।
दोनों उत्पादों में एक्सपायरी डेट नहीं मिले
राजधानी में पकड़े गए नकली उत्पादों में एक्सपायरी डेट नहीं मिले हैं, जबकि कंपनी द्वारा निर्मित उत्पादों में निर्माण के साथ ही वैधता की तारीख का उल्लेख अनिवार्य रूप से किया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक ग्राहकों को भी उत्पाद खरीदते समय इसका पूर्णता ध्यान रखना चाहिए कि तारीख का उल्लेख है कि नहीं।
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1. एक्सपायरी डेट
2. मैन्युफेक्चरिंग डेट
3. एचएसएन कोड
4. बैच नंबर
5. पैकेजिंग और क्वालिटी
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