रायपुर

नीरव मोदी, विक्रम कोठारी के बाद अब छत्तीसगढ़ के उद्योगपतियों ने दिया 2200 करोड़ का बड़ा झटका

नीरव मोदी और विक्रम कोठारी के घोटाले का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि छत्तीसगढ़ में उद्योगपतियों २२०० करोड़ के टैक्स चोरी का बड़ा झटका दिया।

रायपुरFeb 22, 2018 / 12:37 pm

Ashish Gupta

Tax Evasion

अजय रघुवंशी/रायपुर. जीएसटी लागू होने के बाद वाणिज्यिक कर विभाग में वैट की बड़ी चोरी सामने आई है, जिसमें उद्योगपति 2200 करोड़ रुपए दबाए बैठे हैं, इनमें से कई कंपनियों के विदेश में निवेश करने की भी जानकारी मिली है।

रायपुर , बिलासपुर , दुर्ग-भिलाई, कोरबा , रायगढ़ के बड़े उद्योगपतियों ने आयरन-स्टील, ऑटोमोबाइल्स, मशीनरी और अन्य उत्पादों की बिक्री के बाद विभाग को गुमराह करते हुए टैक्स जमा नहीं किया। पत्रिका के पास मौजूद दस्तावेजों के मुताबिक इन्हीं में से एक भिलाई की जेसीबी डीलर कंपनी डायनेमिक अर्थ मूवर्स 247 करोड़ लेकर फरार हो चुकी है। कंपनी के मालिक को ढूंढने की विभागीय कोशिश अब तक नाकाम साबित हुई है।
आशंका जताई जा रही है कि कंपनी के मालिक महेंद्रू देश के बाहर जा चुका है। विभागीय नाकामियों का नतीजा है कि अब तक अफसर इन बड़े टैक्स चोरों और बकायादारों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर सका है। सूत्रों के मुताबिक इन बड़े बकायेदारों को राजनीतिक संरक्षण मिलने की वजह से भी विभाग को टैक्स का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
विभाग के सामने बड़ी समस्या यह भी है कि उद्योगपतियों ने टैक्स वसूली नोटिस के बाद कोर्ट की शरण ले लिया है। विभाग ने टैक्स वसूली के लिए बड़े उद्योगपतियों के 100 से अधिक बैंक खाते सीज कर दिए हैं, जिसके बाद कई बड़े उद्योगपतियों के सम्पत्तियों की कुर्की की गई। बैंक खाते को अटैच करने के बाद विभाग अब कंपनी रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी में है।

1000 से अधिक नोटिस जारी
विभाग ने टैक्स वसूली के लिए अब तक बड़े बकायादारों को 1000 से अधिक नोटिस जारी किए हैं, जिसमें उद्योगपतियों ने आर्थिक मंदी का हवाला देते हुए मोहलत मांगी है। हर बार नोटिस जारी करने के बाद उद्योगपतियों की ओर से वही पुराना जवाब मिल रहा है।

अफसरों की भूमिका पर संदेह
टैक्स चोरी के मामले में टैक्स नहीं वसूल पाने में अब अफसरों की भी भूमिका पर संदेह जताया जा रहा है। हालांकि अफसरों का कहना है कि इनमें से कई बड़े उद्योगपतियों ने कोर्ट से स्टे ले लिया है। यही वजह है कि वसूली में काफी समय लग रहा है।

100 करोड़ की टैक्स चोरी के बाद सैनी इंडस्ट्रीज बंद
राजधानी के सिलतरा इलाके में टीएमटी बार मैन्युफेक्चरिंग कंपनी सैनी इंडस्ट्रीज के मालिक 100 करोड़ की टैक्स चोरी करके कंपनी बंद कर चुका है। विभाग को यहां भी टैक्स वसूलने में नाकामी हाथ लगी है।

बाबा जर्दा गुटखा की जांच दिल्ली में
150 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी के मामले में बाबा जर्दा गुटखा कंपनी से टैक्स वसूलने में विभाग के पसीने छूट पड़े हैं। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक कंपनी के खिलाफ दिल्ली में भी जांच चल रही है।

247 करोड़ दबाकर जेसीबी डीलर फरार
भिलाई के डायनेमिक अर्थमूवर्स जेसीबी डीलर ने विभाग को 247 करोड़ का चूना लगाया। कई नोटिस के बाद जब विभाग ने फैक्ट्री की पड़ताल की तो पता चला मालिक फरार है, जिसका अभी तक पता नहीं चला पाया।

जायका ऑटोमोबाइल्स से 60 गाडिय़ां जब्त
राजधानी के जायका ऑटोमोबाइल्स से वाणिज्यिक कर विभाग को लगभग 47 करोड़ का वैट टैक्स वसूल करना है। पिछले दिनों इनफोर्समेंट डिपार्टमेंट की कार्यवाही के दौरान विभाग ने कंपनी की 60 गाडिय़ों को जब्त करते हुए खाते सीज किए थे।

निको से 40 करोड़ की वसूली बाकी
दिवालिया होने के कगार पर खड़ी 3500 करोड़ टर्नओवर वाली जायसवाल निको से भी वाणिज्यिक कर विभाग को 40 करोड़ रुपए का टैक्स वसूलना है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक निको ने स्टील प्रोडक्ट बेचकर टैक्स जमा नहीं किया।

वाणिज्यिक कर विभाग की आयुक्त पी. संगीता ने कहा कि लगभग 2200 करोड़ कर अपवंचन के बाद बकायादारों से वसूली की कार्रवाई चल रही है। हमने कई खाते सीज किए हैं। वहीं सम्पत्ति की कुर्की भी की जा रही है। टैक्स वसूली में बड़े बकायादार सहयोग नहीं कर रहे हैं।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.