डीकेएस में ट्रामा सेंटर खोलने के लिए अप्रैल में एक्जीक्यूटिव कमेटी ने हरी झंडी दी थी। ट्रामा सेंटर के लिए अलग से बिल्डिंग बनेगी या वर्तमान अस्पताल में रहेगा, यह निर्णय शासन से मार्गदर्शन के बाद लिया जाना था। डीकेएस के एक आला अधिकारी ने बताया कि कुछ माह पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिहदेव की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें ट्रामा सेंटर खोलने पर विचार किया गया था। वर्तमान समय में खाली पड़ी दुकानों को तोड़कर वहां पर ट्रामा सेंटर बनाने की चर्चा हुई, लेकिन अस्पताल से अधिक दूर होने की वजह से सहमति नहीं बनी। इसके बाद ट्रामा सेंटर को लेकर कभी किसी बैठक में चर्चा नहीं हुई।
अस्पताल में डॉक्टरों की स्थिति
डीकेएस के न्यूरो सर्जरी में ८, नेफ्रोसर्जरी में २, कार्डियोलॉजी में २, यूरोलॉजी में २, बर्न एंड प्लास्टिक में ४, पीडियाट्रिक में ३, गैस्ट्रोलॉजी में १ तथा पीडियाट्रिक आर्थो में १ विशेषज्ञ पदस्थ हैं। डीके में 70 बेड का केजुअल्टी वार्ड तथा 125 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट संचालित हैं। यहां प्रतिदिन करीब ३०० मरीज ओपीडी में इलाज कराने पहुंचते हैं।
‘पत्रिकाÓ में ‘डीकेएस में कर्मियों को २ माह से नहीं मिला वेतनÓ खबर प्रकाशित होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कर्मचारी उपलब्ध कराने वाली कंपनी कॉल मी सर्विसेस को फटकार लगाई है। डीकेएस के उप-अधीक्षक डॉ. हेमंत शर्मा ने बताया कि कंपनी से इसपर जवाब तलब किया गया था। कंपनी ने एक माह की सैलरी रिलीज कर दिया है तथा शेष के लिए कुछ समय मांगा है।
डॉ. एस.एल. आदिले, अधीक्षक, डीकेएस