script24 हफ्ते की बच्ची का जन्म, लम्बाई 20 सेमी और वजन आधा किलो भी नहीं | 24-week-old baby born, 20 cm in length and not even half a kilogram | Patrika News

24 हफ्ते की बच्ची का जन्म, लम्बाई 20 सेमी और वजन आधा किलो भी नहीं

locationरायपुरPublished: Jun 07, 2020 07:35:27 am

Submitted by:

Bhawna Chaudhary

24 हफ्ते की बच्ची का जन्म, लम्बाई 20 सेमी और वजन आधा किलो भी नहीं

रायपुर. सिर्फ 24 हफ्ते में किसी बच्चे का जन्म सकता है। वजन महज 440 ग्राम हो और लम्बाई 20 सेंटीमीटर। क्या वह जीवित रह सकता है ?अब तक भारत में ऐसा कोई केस रिपोर्ट नहीं है। मगर, धुर माओवाद प्रभावित जिले बीजापुर अंतर्गत भैरमगढ़ सामुदायिक केंद्र (सीएचसी) के डॉक्टरों ने ऐसा कर दिखाया। यह मेडिकल साइंस ने न्य चमत्कार है, नया रिकॉर्ड है। कोरोना काल में 5 अप्रैल 2020 को जन्मी यह बच्ची जीवित है और तमाम बीमारियों को हराते हुए तेजी से स्वस्थ्य हो रही है।


पूरी दुनिया जहां एक तरफ कोरोना वैश्विक महामारी से जंग लड़ रही है। डॉक्टर लाइलाज बीमारी का इलाज करने में अपनी पूरी ताकत झोंककर जान बचा रहे हैं तो वहीं इसके इतर भी कई जानें बचाई जा रही हैं। भैरमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) का यह प्रकरण इसका उदाहरण है। ‘पत्रिका को डॉक्टरों ने बताया कि हम इसे ‘मिरेकल बेबी (चमत्कारी बच्चा) मान रहे हैं। डॉक्टर यह भी कह रहे हैं कि यह बच्ची जिन मुश्किल हालातों से निकली है, वह अपने आप में शोध का विषय है।

5 अप्रैल को भैरमगढ़ सीएचसी में प्रसव पीड़ा के साथ राजेश्वरी गोंडे पहुंची। डॉक्टरों को बताया कि अभी 24 हफ्ते का ही गर्भ है। मां की तेज प्रसव पीड़ा कहीं जच्चा-बच्चा दोनों के लिए परेशानी न पैदा कर दे, डॉक्टरों ने प्रसव करवाने का फैसला लिया। जन्म के बाद डॉक्टर भी बच्चे को देखकर हैरान थे क्योंकि बच्चे गर्भधारण के 36वें से 40वें हफ्ते में जन्म लेते हैं। तब तक उनका हर एक अंग विकसित हो चुका होता है। इसके पहले जन्म लेने वाले बच्चों को प्री-मे’योर बेबी कहा जाता है।

बीजापुर के डॉक्टरों की टीम-

सीएमएचओ डॉ. बुधराम पुजारी, डॉ. लोकेश, डॉ. विवेक, डॉ. ज्योतिष, डॉ. विकास, डॉ. हर्ष, डॉ. अजय और डॉ. प्रशांत। स्टॉफ नर्स रोशनी यादव, नेहा, मधु, उर्वशी, अनपूर्णा, अंशुमाला और ललिता। एम्स से शिशुरोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अतुल जिंदल रोजाना वीडियो कांफ्रेसिंग से अपडेट लेते हैं। दवाएं प्रिस्क्राइव करते हैं। सीएचसी के स्टॉफ को गाइड करते हैं। यूनिसेफ के डॉक्टर गजेंद्र सिंह, डॉ. रामकुमार राव और राज्य स्वास्थ्य विभाग के टीकाकारण अधिकारी डॉ. अमर सिंह ठाकुर भी इसकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं। डॉ. अतुल जिंदल, एसोसिएट प्रोफेसर, एम्स रायपुर ने बताया कि मैंने इंटरनेट के माध्यम से और डॉक्टरों के बीच जितनी भी जानकारी जुटाई है, यह सबसे कम दिन में जन्मा ऐसा ब”ाा है जो जीवित है। हम तो रायपुर से प्रयास कर रहे हैं, लेकिन असली श्रेय बीजापुर के डॉक्टर व स्टॉफ को जाता है। जिन्होंने सीमित संसाधनों में सुरक्षित प्रसव करवाया। अभी काफी इंवेस्टीगेशन बचा हुआ है।

ट्रेंडिंग वीडियो