उन्होंने बताया कि प्रदेश में डेंगू की रोकथाम और इलाज के लिए विभाग पूरी तरह से अलर्ट है। स्वास्थ्य संचालक प्रसन्ना ने बताया कि डेंगू की पुष्टि के लिए राज्य के इन सात जिलों में सेंटिनल सर्विलेंस अस्पताल का चयन किया गया है, जिसमें रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, बस्तर, रायगढ़, सरगुजा और राजनांदगांव जिले के अस्पताल शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि शहरी मोबाइल मेडिकल यूनिट की 5 टीमें प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर डेंगू पीडि़तों की जांच कर रही है। स्वास्थ्य संचालक ने बताया कि जनवरी से 18 अगस्त तक 1556 डेंगू संभावित मरीजों के ब्लड सेंपल की जांच की गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक 470 ब्लड सेंपल पॉजीटिव और 53 निगेटिव मिले, जबकि 71 ब्लड सेंपल की रिपोर्ट अब तक नहीं मिल पाई है। और सिर्फ 7 लोगों की जान डेंगू से गई है। बतादें कि प्रदेशभर में डेंगू के कहर से 25 लोगों की जान जा चुकी है, इनमें सिर्फ 23 मौते तो भिलाई शहर में हुई हैं।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के जरिए कैंप चल रहे हैं। डेंगू मच्छर साफ पानी मे पनपता है इसलिए कूलर, टायर जैसी जगहों से पानी की सफाई की जा रही है। बुखार के पीडि़तों की तुरंत जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में कोआर्डिनेटर बनाए गए हैं जो लोगों को इलाज में मदद कर रहे हैं।
इससे पहले डेंगू का कहर झेल रहे भिलाई की हालत को लेकर स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर ने पहली बार चुप्पी तोड़ी। चंद्राकर ने कहा कि वीआइपी दौरों की वजह से लोगों का ध्यान मरीजों से हटता है। ऐसे में वे वहां नहीं जाकर रायपुर से ही प्रभावित क्षेत्रों के लिए काम कर रहे हैं।