scriptबाजार में 25 प्रतिशत सामान नकली होने की आशंका | 25 percent of goods in the market feared to be fake | Patrika News

बाजार में 25 प्रतिशत सामान नकली होने की आशंका

locationरायपुरPublished: Oct 30, 2020 07:01:05 pm

ब्रांडेड के नाम पर ठगे जा रहे ग्राहक, 30 करोड़ पार नकली सामान का कारोबार, थोक बाजार नकली सामान का अड्डा बना

बाजार में 25 प्रतिशत सामान नकली होने की आशंका

बाजार में 25 प्रतिशत सामान नकली होने की आशंका

रायपुर. 460 रुपए के रेड लेबल के डिब्बे में 150 रुपए की घटिया चायपत्ती, सर्फ एक्सल के डिब्बे में घटिया पाउडर और भी बहुत कुछ… कुछ ऐसे ठगे जा रहे हैं छत्तीसगढ़ के ग्राहक। ब्रांडेड कंपनी के नाम पर ग्राहकों को नकली सामान बेचने का यह खेल प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्र में नहीं, बल्कि राजधानी में ही चल रहा है। इस खुलासे ने राजधानी के एफएमसीजी मार्केट में खलबली मचा दी है। रिटेल और होलसेल दोनों सेक्टर में इसकी बड़ी चर्चा है।
पत्रिका ने अपनी जांच-पड़ताल में पाया कि राजधानी में 25 से 30 फीसदी सामानों के नकली होने की आशंका है। हिंदुस्तान यूनीलीवर के अधिकृत सूत्रों के मुताबिक एफएमसीजी सेक्टर में 10-15 अलग-अलग ब्रांड में हर महीने का व्यवसाय लगभग 100 करोड़ का है, लेकिन इसमें 25 से 30 करोड़ के डुप्लीकेट सामानों की सप्लाई की जा रही है। यह पूरा खेल राजधानी के थोक बाजारों से संचालित हो रहा है, जिसमें डूमरतराई थोक बाजार, गोलबाजार और गुढिय़ारी थोक बाजारों में सघन जांच होनी चाहिए। ग्राहकों को ब्रांडेड के नाम पर घटिया सामान बेचे जा रहे हैं। इन बाजारों में जीएसटी बिलों के साथ मासिक रिटर्न की जांच होनी चाहिए।
कंपनी के इंटेलीजेंस विंग से मिला पुलिस को क्लू : जैसिंघ

कंपनी के छत्तीसगढ़ के अधिकृत वितरक ललित जैसिंघ ने बताया कि डूमतराई, गोलबाजार और गुढिय़ारी थोक बाजारों से नकली सामानों का नेटवर्क पूरे प्रदेश के साथ महाराष्ट्र,आंध्रप्रदेश, ओडि़शा और झारखंड तक फैले होने की आशंका है। मामले की जानकारी होने पर हिंदुस्तान यूनिलीवर के इंटेलीजेंस विंग के 6 सदस्यीय टीम ने दिल्ली हाईकोर्ट से अनुमति लेकर पुलिस के साथ कार्रवाई की। इसके बाद राजधानी में गोपनीय तरीके से नकली सामान निर्माण स्थल पर दबिश दी गई। हमारी मांग है कि आम ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को इस मामले पर ठोस कार्यवाही करनी चाहिए।
पहचानना काफी मुश्किल, इसलिए बिल मांगे

कंपनी अधिकारियों के मुताबिक असली और नकली सामानों को पहचानना ग्राहकों के लिए काफी मुिश्कल है, क्योंकि जब्त सामानों की पैकेजिंग हू-ब-हू असली जैसी हो रही है, वहीं इसके साथ ही इसमें बैच नंबर, बार कोड, कस्टमर केयर आदि नंबर भी लिखे जा रहे हैं। कंपनी का कहना है कि ऐसे सामानों की खरीदारी अधिकृत डीलर, एजेंसी या बड़े शॉपिंग मॉल, मिनी शॉपिंग मॉल और मल्टीस्टोर रिटेल से करनी चाहिए और बिल जरूर लें, क्योंकि नकली सामानों की खरीदी-बिक्री बिना बिल के हो रही है।
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