रमेश्वरी-भोजकुमार को गोद में उठाकर सात फेरे कराएजीवनसाथी पाकर विकलांग जोड़े काफी खुश थे। बालोद की रमेश्वरी साहू और राजनांदगांव के भोजकुमार को गोद में उठाकर सात फेरे की रस्में पूरी कराई गई। आरंग के भागवत साहू ने आगे की पढ़ाई करने और पत्नी को भी ग्रेजुएशन कराने की इच्छा जताई। आरंग के भागवत साहू प्राइवेट नौकरी करते हैं उसने दोनों पैर से विकलांग आरंग की ललिता साहू को जीवनसाथी बनाकर मिसाल पेश की। [typography_font:14pt;” >रायपुर. आशीर्वाद भवन रविवार को विकलांगों के वैवाहिक खुशियों में चहका। इस दौरान जाति का वंधन टूटा। आंखों से दुनिया नहीं देख सकने वाले पेशे से शिक्षाकर्मी दिल्ली के अमन सिंह ने रायपुर की गीता शर्मा के संग तथा उत्तराखंड के दिनेश कश्यम ने महासमुंद की टिकेश्वरी साहू के साथ सात फेरे लेकर एक-दूजे के हुए। इस तरह २७ जोड़ों का रीति-रिवाज के साथ विवाह संपन्न कराया गया। इस अवसर पर विकलांग नवविवाहित जोड़े को गृहस्थी की सामग्री उपहार में तथा आशीर्वचन के साथ विदा किया गया। विकलांग सामूहिक विवाह का आयोजन अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद छत्तीसगढ़ प्रांत, रायपुर सेंट्रल मारवाड़ी युवा मंच, कान्यकुब्ज सभा व शिक्षा मंडल एवं सीनियर सिटीजन वेलफेयर फोरम रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। मुख्य अतिथि विधायक सत्यनारायण शर्मा एवं विशिष्ट अतिथि समाजसेवी सीताराम अग्रवाल, संयोजक वीरेंद्र पांडे ने विवाहित जोड़ों को आशीवर्चन देते हुए आयोजन की सराहना की। अध्यक्षता कान्यकुब्ज सभा व शिक्षा मंडल के अध्यक्ष अरुण शुक्ला ने किया। चेतना परिषद के अध्यक्ष सत्येंद्र अग्रवाल, कान्यकुब्ज सभा एवं शिक्षा मंडल के सचिव संतोष दुबे, विकलांग परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष सचिन अग्रवाल, प्रांतीय महामंत्री संतोष तिवारी,राष्ट्रीय महामंत्री मदन मोहन अग्रवाल, सहसंयोजक अनुराधा दुबे, सीनियर सिटीजन के अध्यक्ष केपी सक्सेना सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे। 15 दिसंबर को हुए सम्मेलन से तय हुए रिश्तेचेतना परिषद के सत्येंद्र अग्रवाल ने बताया कि 15 दिसंबर को हुए परिचय सम्मेलन में तय हुए रिश्तों में से २७ जोड़े सामूहिक विवाह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम में दिल्ली, उत्तराखंड, पटना सहित प्रदेश के अनेक स्थानों से विकलांग युवक-युवतियों ने अपनी पसंद के जीवन साथी के साथ सात फेरे लेकर दाम्पत्य जीवन में प्रवेश किए।