रायपुर

दिवाली से पहले छत्तीसगढ़ के 3.5 लाख कर्मचारियों को मिल सकता है 7वें वेतनमान का एरियर्स

– राज्यकर्मियों (CG state employees) को मिल सकता है दीवाली का तोहफा (Diwali Gift)- 7वें वेतनमान के एरियर्स (arrears of 7th pay scale) की घोषणा कर सकती है सरकार
– राज्य स्थापना के दिवस के दिन या उसके पहले, नहीं तो मरवाही में मतदान के बाद घोषणा

रायपुरOct 31, 2020 / 11:55 am

Ashish Gupta

रायपुर. प्रदेश के शासकीय कर्मचारियों (CG State Employees) को सरकार बहुत जल्द दीवाली का तोहफा (Diwlai Gift) दे सकती है। मंत्रालय से संकेत हैं कि करीब-करीब यह तय हो चुका है कि प्रदेश के 3.50 लाख कर्मचारियों को 7वें वेतनमान का एरियर्स जारी हो सकता है। क्योंकि इसका बजट, 5 प्रतिशत डीए के बजट से काफी कम है। कोरोना काल में सरकार एरियर्स की घोषणा कभी भी संभव है। इस निर्णय से एक कर्मचारी के खाते में 4 से 25 हजार रुपए तक आएंगे, यानी बाजार में 300 करोड़ रुपए आएंगे।
सूत्रों के मुताबिक अवर मुख्य सचिव वित्त अमिताभ जैन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) के समक्ष दोनों प्रस्ताव का लेखा-जोखा रख है। अंतिम मुहर मुख्यमंत्री को लगानी है। मंत्रालय पदस्थ एक अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्य में आचार संहिता लगी हुई है, जो 3 नवंबर को मरवाही उप चुनाव के मतदान के साथ समाप्त होगी।

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संभव है कि सरकार उस दिन एरियर्स की घोषणा करे या चुनाव आयोग से मंजूरी लेकर राज्य स्थापना दिवस के पहले भी घोषणा संभव है। गौरतलब है कि डॉ. रमन सरकार में कर्मचारियों को 7वें वेतनमान का लाभ 6 किस्तों में देने का फैसला हुआ था। पहली किस्त उनके शासनकाल में जारी हुई थी, दूसरी वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के। अब भूपेश सरकार को तीसरी किस्त जारी करनी है।

ऐसे समझें बजट का गठित
पहला विकल्प- 7वें वेतनमान का एरियर्स
सरकार पर भार- 275 से 300 करोड़ रुपए
अगर, सरकार 7वें वेतनमान के एरियर्स की तीसरी किस्त जारी करती है तो उसका लाभ सीधे 5,14,087 कर्मचारियों को मिलेगा। जिसमें शासकीय कर्मचारियों की संख्या 3.50 लाख है। निगम मंडल के कर्मचारियों की संख्या 2.14 लाख के करीब है।

दूसरा विकल्प- 5 प्रतिशत डीए

सरकार पर भार- 475 से 500 करोड़ रुपए
1 जुलाई 2019 से कर्मचारियों को डीए नहीं मिला है। इसका लाभ की सभी को मिलेगा। मगर, डीए की अनुमानित राशि 7वें वेतनमान के एरियर्स से लगभग दोगुनी है।

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क्या कहते हैं कर्मचारी-अधिकारी संगठन
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने ‘पत्रिकाÓ को बताया कि हमारी तरफ 5 बिंदुओं पर मांग मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई थीं। उन्होंने आश्वासन दिया था कि जल्द निर्णय लेंगे। तो वहीं मंत्रालय शीर्ष लेखक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष देवलाल भारती का कहना है कि सीएम के आश्वासन के बाद ही हमने आंदोलन वापस लेने का फैसला लिया था।

पहला- 1 जुलाई 2019 से लंबित 9 प्रतिशत मंहगाईं भत्ता स्वीकृत किया जाए। दूसरा- पूर्व में शासन द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार 7वें वेतमान का एरियर्स या 5 प्रतिशत मंहगाई भत्ते का एरियर्स भुगतान हो। तीसरा- प्रदेश के सभी संवर्ग के अधिकारी-कर्मचारियों को पदोन्नति, क्रमोन्नति और तृतीय समयमान का लाभ दिया जाए। चौथा- कोरोना भत्ता दिया जाए। पांचवां- राजस्थान की तर्ज पर कोरोना ड्यूटी पर तैनात अधिकारी/कर्मचारी की मृत्यु होने पर 50 लाख की अनुग्रह राशि और अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान हो।

दूसरे संगठन प्रदर्शन की तैयारी में
उधर, शासकीय अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के प्रांतीय प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि कर्मचारी-अधिकारी उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं। 1 नवंबर को रायपुर में और 2-3 नवंबर को सभी जिलों में सामुहिक अवकाश में रहकर प्रदर्शन करेंगे।

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