यहां आगे नहीं बढ़ी जांच
-सिविल लाइन थाने में दिवाली से पहले पुलिस नकली शैंपू, वाशिंग पाउडर व अन्य चीजें बरामद की थी। तीन स्थानीय कारोबारियों के खिलाफ मामूली धाराओं के तहत कार्रवाई हुई, लेकिन नकली माल सप्लाई करने वालों को लेकर जांच नहीं हुई। मामला आगे ही नहीं बढ़ा।
-खमतराई पुलिस करीब डेढ़ माह पहले बड़ी मात्रा में नकली ऑयल जब्त किया था। नकली ऑयल की सप्लाई बाहर से होती थी। सप्लाई करने वाला कौन था और कहां का है? इसकी जांच पुलिस ने अब तक नहीं की।
-गोलबाजार इलाके में बड़ी मात्रा में नकली फेयरनेस क्रीम जब्त हुआ था। इस मामले में भी पुलिस ने स्थानीय कारोबारी को पकड़ा, लेकिन उस तक नकली क्रीम कौन भेजता था? इसका पता पुलिस अब तक नहीं लगा पाई है।
-राजेंद्र नगर इलाके में पुलिस ने नकली गुडनाइड वेपोराइजर जब्त किया है, लेकिन दुकानदारों तक कौन पहुंचाता था? उसके नाम का खुलासा भी पुलिस ने नहीं किया।
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आम लोगों को नुकसान
ब्रांडेड कंपनी का प्रोडक्ट समझकर आम आदमी अधिक कीमत में रोजमर्रा की चीजों को खरीदता है, लेकिन नकली होने के कारण उनको उसका लाभ नहीं मिल पाता। इससे उनको आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है। जिस मकसद से उस प्रोडक्ट को खरीदा है, उसका फायदा भी नहीं मिला रहा।
गोरखधंधे को मिल रहा बल
नकली सामान के मामले में पुलिस की अधूरी कार्रवाई से नकली सामान बनाने वालों को बल मिल रहा है। और बेखौफ होकर वे अपना धंधा कर रहे हैं। पुलिस नकली सामान बनाने वालों के पूरे नेटवर्क को खत्म करती, तो ऐसी कृत्यों में कमी आएगी। स्थानीय कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करने मात्र से यह गोरखधंधा नहीं रूक रहा है।