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एम्स से 100 दिन में 360 कोरोना संक्रमित डिस्चार्ज होकर लौटे घर

locationरायपुरPublished: Jun 26, 2020 05:35:25 pm

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CG Desk

– 54512 सैंपल की जांच में 1109 पॉजिटिव, वर्तमान में 160 का चल रहा इलाज- कैप्शन- एम्स के कोविड-19 वार्ड में कार्य करने वाली पहली टीम।

एम्स से 100 दिन में 360 कोरोना संक्रमित डिस्चार्ज होकर लौटे घर

एम्स से 100 दिन में 360 कोरोना संक्रमित डिस्चार्ज होकर लौटे घर

रायपुर। राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोरोना संक्रमित मरीज 18 मार्च को पहुंचा था, जिसके 100 दिन पूरे हो गए है । 100 दिन में एम्स से 360 कोरोना संक्रमित मरीज डिस्चार्ज होकर घर लौट चुके हैं। वहीं, एम्स ने 54512 सैंपल की जांच की गई है, जिसमें 1109 पॉजिटिव आए हैं। वर्तमान में एम्स में 160 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
लंदन से लौटी एक छात्रा के पॉजिटिव पाए जाने के तुरंत बाद एम्स के कोविड-19 वार्ड में एडमिट किया गया था। सी-ब्लॉक में बने आइसोलेशन वार्ड में पहली रोगी को पूरा उपचार प्रदान किया गया। इसके बाद आयुष बिल्डिंग में करीब 100 बेड का पृथक कोविड-19 वार्ड बनाया गया। संक्रमितों की संख्या बढऩे पर सी-ब्लॉक में व्यवस्था की गई है। एम्स में गंभीर संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जा रहा है, जिसमें बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं, बच्चे और किसी अन्य गंभीर बीमारी के साथ कोविड-19 से ग्रस्त शामिल हैं। एम्स में 9 मरीजों की अब तक मौत हुई है, जिसमें सभी कोमोर्बिडीटी के थे।

सैंपल जांच के लिए निरंतर प्रयास
कोविड-19 के सैंपल की जांच के लिए भी एम्स ने निरंतर प्रयास किए हैं। माइक्रोबायोलॉजी विभाग की वीआरडी लैब की क्षमता को निरंतर बढ़ाया गया। रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एम्स ने आरएनए एक्स्ट्रेशन मशीन और एक अतिरिक्त आरटी-पीसीआर मशीन की व्यवस्था की। ये दोनों मशीनें अत्याधुनिक हैं और कोविड-19 के सैंपल टेस्ट तेजी से करने में काफी मददगार होंगी। 25 जून तक यहां 54512 सैंपल की जांच की गई है, जिसमें 1109 पॉजिटिव पाए गए। वर्तमान में यहां औसतन 1000 सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं।

अन्य मरीजों का नियमित उपचार भी
कोविड-19 की चुनौती का मुकाबला करने के साथ ही एम्स में ओपीडी बंद होने के बाद भी अन्य बीमारियों का इलाज हो रहा था। टेलीमेडिसिन और इमरजेंसी में मरीजों का इलाज किया जा रहा था। एम्स में मार्च से मई के मध्य 809 बड़े ऑपरेशन तथा 1370 छोटे ऑपरेशन किए गए हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, राज्य सरकार के निरंतर सहयोग और आईसीएमआर की ट्रेनिंग और प्रोटोकॉल की मदद से एम्स कोविड-19 की चुनौती का मुकाबला करने में सक्षम हो सका। 100 दिन में टेस्टिंग और पीपीई जैसे महत्वपूर्ण किट्स की उपलब्धता निरंतर बनी रही।
– डॉ. नितिन एम नागरकर, निदेशक, एम्स, रायपुर

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